वाटरपार्कमे तोड़फोरः कत’ भटैक रहल छै समाज

29 दिन पहिले प्रकाशित
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जनकपुरधाम–३गते,जेष्ठ । जनकपुरधाम उपमहानगर पालिका सीमास’ सटले क्षीरेश्वर नगरपालिका वार्ड नं.१ अन्तर्गत सञ्चालनमे रहल वाटर पार्कमे तोड़फोर आ हुलदंगा कएलगेल छै ।
जनकपुरधाम–ढल्केवर सड़कखण्डमे रमदैयालगमे किछु महिना पूर्व वाटरल्यान्ड वाटरपार्क सञ्चालनमे आएल छल । १२ कड़ोरस’ अधिककेँ लगानीमे आधुनिक सुविधायुक्त वाटरपार्ककेँ निर्माण कएलगेल छल ।
अराजक अवस्थाके नियन्त्रणमे लेब हेतु प्रहरी परिचालन कएलगेल छल । जाहि घटनामे ०५ प्रहरी घाहिल भेल छै आ १० गोटेकेँ अनुसंधान हेतु नियन्त्रणमे लेल गेल बात बुझमे आएल । घटनामे अधिकांश ‘प्लस–टू’ मे अध्ययनरत् विद्यार्थी छल । कियक त’ मात्र एकसयमे पार्कमे प्रवेशक बात पहिनेस’ कृष्णा फाउण्डेशन प्रचारित कएने छल । मुदा पार्ककेँ क्षमतास’अधिक टीकट काटि देलक जे बेसम्हार भगेल । जखनि कि अन्दीना साढे आठ सय टाका प्रवेश शुल्क लगैत छल ।
जनकपुर उद्योग बाणिज्य संघ घटनाके निन्दा विञ्प्ति मादे कएने छै । एहन अवस्थामे कोना कत’ व्यापार व्यवसाय फस्टाएत से प्रश्न करैत दोषी पर कार्यवाहीके मांग समेत कएलगेल छै । विज्ञप्ति जउबा संघ अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार भण्डारी एवं महासचिव फूलदेव पण्डित हस्ते जारी भेल छै ।
पार्ककेँ प्रमोशन हेतु कृष्णा फाउण्डेशन मात्र एकसय टाकामे वाटरपार्ककेँ आनन्द उठाब लेल टीकट कटने छल । लोक विशेष रुपस’ युवावर्ग पार्कमे हेंजक हेंज जुमल । करिब १२/१३ सय जतेक टीकट काटलगेल छल । बहुत लोक गेटो पर टीकट भेटत ओ मनसुवास’ जुमल छल । जे भीड़ भितर प्रवेश करबस’ बाँचल आ कृष्णा फाउण्डेशन व्यवस्थापन ओहि मुताविक नइ करए सकल । तैँ उताहुल लोक आक्रोसमे आयल आ हो हल्ला हुंरदंग करए लागल ।
सुरक्षा हेतु प्रहरी समेत पुंगल मुदा अराजक अवस्था ततकाल प्रहरीयो सम्हारि नइ सकल । प्रहरीके आगुओमे लोक तोड़–फार, देबाल तड़पा–छड़पी करैत उग्रभीड़ उधम मचौलक ।
एहि घटनामे २० लाखस’ उपरकेँ क्षती भेल बात जनकपुर उद्योग बाणिज्य संघकेँ पूर्वअध्यक्ष जितेन्द्र महासेठ मिडिया समक्ष बतौलाह । गतवर्ष चैत २५ गतेस’ विधिवत् वाटरपार्क सञ्चालनमे आयल छल । एकसय गोटेकेँ प्रत्यक्ष रोजगारी भेटल छल ।
जनकपुरधामक्षेत्रमे दिनानुदिन व्यापार व्यवसाय सुखाइत जारहल छै । केओ किछु नवकरहु चाहैत छै त’ एहि तरहक रबैया अपनाओल जाइत छै, जाहिस’ कोनो उद्योगी व्यवसायी किछु करब हेतु हिम्मत नइ कसकैए ।
तैँ जनकपुरधाम इतिहास, संस्कृति, परम्परा, ऐतिहासिक पहिचान बोकने रहितो अपन विशेषता एतुका लोकक अपनहि कारणस’ पनैप नइ रहल छै आ दिनानुदिन नाश होइत जारहल छै ।
‘प्राचीन मिथिलाके राजधानी, सभ्यता आ संस्कृतिके अतुलनीय भूमिमे लोक उदण्ड, असभ्य किए भरहल छै ? लोककेँ उदण्ड बनाओल जारहल छै की ? एहि पाछुके गड़बडि़या मस्तिष्क कत’स’ लगाओल जारहल छै ? एहि पर विचार मात्रे नइ कर पड़त ओ सोइंरमे जाक’ निहार पड़त कियक जनकपुरधाममे एना भरहल छै ।
एतुका व्यापार, व्यवसाय, टुरिज्म, धर्म संस्कृति, कला परम्परागत पहिचान मूलक भूमिके अपन सबटा हेरायल जारहल छै । जौं हमसभ विवेक एहिना हेरबैत जाएब तखन कोनो नवउत्थान नइ करसकब आ नइ पुराण सभ्यता, संस्कृतिके नीकस’ झलकाब सकब ।
अपन व्यवहार कुशल बनाबि सभ्यताक परिचय सही कर्मस’ दी तेकर बेगरता छै । जे भगेल–भगेल दोहराक एहन काज नइ होए ओहि प्रति सभकेँ चेतनशीलता आवश्यक छै ।
बीस पचिस लाककेँ जे क्षति भेल छै वाटरपार्कमे ओ उद्योगीकेँ क्षति आर्थिकरुपस’ भेल मुदा सभस’पैघ क्षती एहि समाजकेँ जनकपुरधामकेँ क्षति छै ई बुझहि पड़त ! जौं से नइ बुझ सकब त’ भविष्यमे एतह देखनहुत किछु नइ रहि जाएत ।