सरकारके अव्यवहारिक कर नीति पर स्वर्णव्यवासी बिरोधमे

17 दिन पहिले प्रकाशित
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जनकपुरधाम–३०गते,जेष्ठ । देशभरिके स्वर्ण, आभूषण एवं रत्न, असर्फी कीन बेसाह कएनिहारसभ दू दिनस’ आन्दोलनमे उतरल छै । सरकारकेँ नीति निर्धारण जनहितैसी नइ भेलाके ओजहस’ आन्दोलन जारी छै ।
सोन एवं सोनके गहनामे सरकार दू प्रतिशत एवं हीरा, जबाहरातमे १३ प्रतिशत मूल्य अभिबृद्धि कर(भ्याट) लागु कएलगेल छै । आर्थिक वर्ष २०८२–८३के बजेट मादे आएल विवरण मुताविक उल्लेखित कर आगामी साओनस’ लागत बात सार्वजनिक भचुकल छै । उक्त प्रावधान तत्काल खारेज कएल जाय ओ मांग करैत व्यवासायीसभ बिरोधमे उतरल छै ।
नेपाल सूनचान्दी व्यवसायी महासंघ, नेपाल रत्न महासंघ, नेपाल हस्तकला महासंघकेँ तत्वाधानमे बिरोधात्मक कार्यक्रम शुरु भेल छै ।
उल्लखित संस्था सम्बद्ध जिलाशाखाके आयोजनमे जनकपुर सुनचान्दी व्यवसायी संघ एवं नेपाल सुनचान्दी व्यवसायी महासंघ समेतस’ जुड़ल लोक जुलुस बहार करैत सरकारक प्रतिनिधि स्थानीय प्रशासन प्रमुखकेँ चाभी बुझाओल गेल छै ।
सरकारद्वारा बिलासिता कर बहाने सोन आ सोनके गहनामे लगाओल गेल दू प्रतिशत बिलासिता क्र बस्तुतः ६ प्रतिशत करके दायरामे आवि जाएत । होलसेल क्रेता राष्ट्रबैंकस’ सोना कीनत ओहिमे दू प्रतिशत, फेर ओ बेचत ओकरास’ दू प्रतिशत आ जे गहना जेबर बनाओत ओकरोस’ दू प्रतिशत रकम कर लेत ।
अइतरहें ६ प्रतिशत रकम सरकारकेँ खातामे जाएत । तेहन बुद्धि बदिया करब काज कएलगेल छै । जे सरासर उपभोक्ता बिक्रेता दूनुक संग अन्याय छै । अव्यवहारिक कर नीति छै ई ततकाल खारेज होबके चाही । जनकपुरधाम सुनचान्दी व्यवसायी संघके अध्यक्ष पवन ठाकुर बतौलाह ।
पड़ोसी देश भारतमे अखनो सोना सस्ता छै । ओतह एहि तरहें अव्यवहारिक कर प्रणाली नइ लागु छै । खुजल सीमाना छै लोक कीलो दू किलो त’ नइ एक भर दू भर कीनैत छै । एकभरिमे बारह हजार टाकाकेँ फरक अएला पर लोक सहजे जाएत आ कीनक गहना बनाक ल आनत । एतुका व्यापार व्यवसाय एहिना चौपट भजाएत ।
घुमा फिराक सरकार अव्यवहारिक कर नीतिके नीयम लाविक अपन देशके लल आ पडोसीके भल लेल कानुन लएने बोध होइत छै । अव्यवहारिक करनीति खारेजीके मांग करैत नेपाल सुनचान्दी महासंघ धनुषाके अध्यक्ष दिपेन्द्र ठाकुर बजलाह । देश विकासमे उद्योगी व्यवसायीसभकेँ महत्वपूर्ण स्थान होइत छै ।
उद्योग, व्यापार–व्यवसाय चलत–बढ़त तखने देश जनता समृद्ध होएत । एहि बातके ध्यानमे राखिक सरकारकेँ कोनो तरहक नीयम नीति निर्धारण करक चाही । मुदा देशमे जनता समृद्ध होए, देश सम्मुन्नतिक पथ पर चलए ओहि दिसामे सत्ता सरकारमे सामेल भेलहासभकेँ मिसियोभरि परवाह नइ !