आइयो फगुवा काइलियो फगुवा

सीमाञ्चल समदिया

1 महीना पहिले प्रकाशित

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सीमाञ्चल समदिया
जनकपुरधाम-१३गते चैत । लोकपर्व होरी सन्दर्भमे तिथि मलिानमे समय उपर नीच्चा भेलास’ एहिबेर एकदिना पर्वोत्सव चारिदिना भगेल छै ।

फागुन महिनाके पू्र्णिमा दिन प्रायः ठाम फगुवा-होरीपर्व मनाओल जाइत छै । मुदा जनकपुरधाममे सभदिनस’ एकर विपरित होइत आएल छै ।

एतह पू्र्णिमाके परत भेने फगुवा मनाओल जाइत छै आ होरीके रङ्ग-अबीर खेलल जाइत छै । एहन परम्परा एहि दुआरे कायम छै ।
जनकपुरधाममे हजाराेंवर्ष पहिनेस’ १५ दिना परिक्रमा यात्रा आरम्भ होइत आएल छै ।

मिथिला परिक्रमा यात्रा समापन भेला पछाइत पर्वोत्सव मनाबके परम्परा वर्तमान अवस्थाधैर जनकपुरधाममे कायम छै । एक पन्द्रहियाके परिक्रमा यात्रा पुरा कएला पछाइत सीताराम भगवानक डोला सहित यात्रीसभ अन्तरगृह परिक्रमा करैत छैथ ।

प्राचीन मिथिलाके राजधानीनगर जनकपुरधामके अन्तरगृह परिक्रमा यात्रा फागुन पू्र्णिमा कएलाबाद मात्र यात्रीसभ अपन अपन घर गृहस्ती, पावनि त्योहार बनाबमे लगैत छै । 

तहिस’ संसारमे कहियो फागुन पर्वोत्सव होए मुदा जनकपुरधाममे अन्तरगृहपरिक्रमा कएलाके बाद माने पू्र्णिमाके परात भेने होरी खेलब फागुन पर्व मनाएब काज होइत छै । जे एकर अपन मौलिकता आ पहिचान छै ।
    

माधेश प्रदेशके राजधानी मिथिलानगरि जनकपुरधाममे काइल्ह बितल रविक परिक्रमा डोला आ यात्री सभ आयल । सोमके अन्तरगृह परिक्रमा समापन भेल । ओहि हिसाब मङ्गलदिन होरी फगुवा पर्व होबक चाही ।

मुदा फगुवामे माउस-माछ खायबाला मानवीय प्राणीसभ मङ्गलक फगुवा नइ मनाओत आ बुधक माउंस-माछ मादक बस्तु खापीक होरी खेलत । एहितरहें सोम, मङ्गल, बुध तिनदिन एहिबेर फगुवा भगेल ।

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