पहिचानवादी आन्दोलनक उसासी नेताके निधन

सीमाञ्चल समदिया

11 घन्टा पहिले प्रकाशित

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जनकपुरधाम–२७गते, बैशाख । पहिचानवादी आन्दोलनक सबल पुरुष सद्भावना पार्टीक संस्थापक विश्वनाथ साह एहि संसारस’ विदाह भगेलाह । हिनक निधनपर राष्ट्रिय मुक्ती पार्टीके अध्यक्ष मधेशवादी नेता राजेन्द्र महतो दुख व्यक्त करैत श्रद्धाञ्जलि अर्पण कएलाह ।

“ सदभावना परिषद् संयोजक,संद्भावना पार्टीक संस्थापक नेता बिश्वनाथ मधेशक पहिचानवादी आन्दोलनके अगुवा समाजके उद्देश्य पूर्तिक वाहक रुपमे सत्‌त प्रयत्नशील रहबाला लोक छलाह !” अपन विज्ञप्ति मादे नेता महतो सम्वेदना व्यक्त करैत कहने छैथ ।
      

 एहितरहें दिवंगत मधेशवादी नेता साहकेँ प्रति श्रद्धा सुमन अर्पण करैत तराई मधेश लोकतान्त्रिक पार्टीक अध्यक्ष बृषेशचन्द्र लाल– “मधेशीके समान अधिकार,पहिचान आ समावेसीताक लड़ाइमे स्वयंके समर्पीत कएनिहार गनल–चुनल लोक मादे एकगोटे बिश्वनाथ छलाह । हरेक परिस्थितिमे अपन विचार पर अड़ल रहैत छलाह । हिनक निधनस’ अपूर्णीय क्षति भेल ओ पुरा सहजे नइ होएत । तमलोपा नेता लाल विज्ञप्ति मादे कहने छैथ ।    
    

पहिचानवादी मधेशी नेता बिश्वनाथ साह जीवनपथ पर विभिन्न आरोह–अवरोह पार करैत एहे बैशाख शुक्रदिन २६गते एहि संसारस’ सबदिनलेल चैल गेलाह ।
      

 भेटल जनतब अनुसार दिवंगत साह संघीयताक पक्षधर मधेशवादक वीजपुरुष गजेन्द्रनारायण सिंहके समकक्षी छलाह । समाजवादी जुझारु नेता विश्वनाथ नेपाली काँग्रेसस’ सेहो सम्बद्ध रहल छलाह । मुदा भेदभावके बिरोधमे फरक विचारधाराके कारण पीडि़त छलाह ।

तैँ सद्भावना परिषद्क गठनमे सक्रिय रहलाह । बादमे सदभावना पार्टी कायम करबमे हिनक अहम् भूमिका छल । मधेशवादके कारण जेल–नेल आ विभिन्न तरहक यातनाके सिकार सेहो होइत गेलाह ।
    

गजेन्द्रनारायण सिंहके देहावसान भेला पछाइत टुक्राटुक्री होइत गेल सद्भावनस’ हटिक महन्थ ठाकुर, अनिल झा सम्मलित पार्टीमे सटलाह । मुदा चित्त नइ मानला पर सबठामस’ निराश भेला पछाइत अन्ततः अपने अध्यक्षतामे राष्ट्रीय सद्भावना पार्टी’ नामक राजनीतिक दलके गठन कएलाह ।

 

पार्टीके चलाबके आरम्भे कएने छलाह की साहकेँ प्रकृति कनेक अन्याय कएलक हिनका लकबा मारि देलकैन । पक्षाधातस ग्रसित भेला पर ओ अपन उद्देश्यमे सफल नइ भेला आ लक्ष्यधरि पुंग नइ सकलाह तथापि ओ प्रयास निरन्तर करैत रहला से जनतब गजेन्द्र सिंह मादे भेटल ।

जीवनके अन्तिम समयमे ओ गुमनाम जीवन जीब रहल छलाह । तराईक्षेत्रके सर्लाही जिला निवासी विश्वनाथ साह कुशल संगठनकर्ता रहितो सभतरि राजनीतिक उपेक्षाक सिकार होइत रहलाह ।
    

सम्पूर्ण जीवन लोकतन्त्र आ भेदभाव विरूद्धके आन्दोलनमे बिताक पहिचानवादी आन्दोलनके ओ बल दैत रहलाह । राजनीतिक पीडितके रूपमे धरस’ वेघर होइतो देशस’ कुछ लेला नइ बरु बहुत किछु देश–समाजकेँ द’क’ गेलाह । एहन वीर जनउसासी योद्धाके सीमाञ्चल परिवार दिसस’ सेहो शतशत नमन् ।

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