स्थानीय निर्वाचनमे पहिचानमुखी स्थानीयताके मुद्दा उठान हुअ चाही

२०७९ बैशाख ५, सोमबार १२:०१
सीमाञ्चल समदिया

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उपेन्द्रभगत नागवंशी,
सीमाञ्चल समदिया, जनकपुरधाम । मिथिलानगरि जनकपुरधाम ऐहिासिक महत्वके प्रमुख स्थल छै । धार्मिक, पौराणिक, सांस्कृतिक नगर छै । एकर पहिचान एहि रुपमे संसार समक्षक यथावत् रहक चाही । नगरविकास ओहि अनुरुप पहिचानवादी, इतिहासके जोगाक राखब, मान दिअबाला हुअ चाही ।

अनमोल धरोहरसभकेँ संरक्षित करब काज इमान्दारीस’ होए चाही । तखने एकर गौरव गाथा, इतिहास पहिचान जोगल रहत, संस्कृति विस्तार होएत । एहि काज लेल जनकपुरके नेतृत्व तेहने सोंच, चिन्तशील सक्षम लोकके हातमे जाय चाही ।

आगामी ३०गते स्थानीय निकायके निर्वाचन छै । विभिन्न दल अपन-अपन उम्मेदवार चुनावी अभियानमे उतारत । अपना अपनादिश मत तानलेल जनताकेँ भरमाएत,बुझाएत मूल मुद्दास’ भटकाएत आ जीतक फेर अपन मनपर्दी करत जेना बर्तमान नेतृत्वके रबैयास’ देखल जाचुकल छै ।

आगामी निर्वाचनलेल जे नामसभ आइब रहल छै ओ नामसभमे एक्कहुटा काविल लोकककेँ नाम उम्मेदगर उम्मेदवारके रुपमे आगु नइ आइबरहल छै । नइ स्थानीय निर्वाचनमे स्थानीयताके प्रमुख मुद्दा बनाओल जारहल छै ।

जनकपुरधाममे जानकी मन्दिर, राममन्दिर, लक्ष्मण मन्दिर, रत्नसागर, विहारकुण्ड, अग्निकुण्ड, सुन्दरसदन, सहितक दर्जनो मन्दिर छै । एहि मन्दिर सभकेँ नाममे सयौ बिघा जग्गह जमीन छै ।

गुठी अधिनस्त हजारौ बिघा जग्गह छै । आधासयस’ उपर पवित्र धार्मिक महत्वके सरोवर छै ।

जेना गङ्गासागर, धनुषागर, रामसागर,रत्नसागर, अङ्गराज सर, धोबियाही, गोरधोइ, पापनोचनी कपालमोचनी, दशरथ सर, रुकमीनी सर, अमृतकुण्ड, चन्द्रकूप, जनक सरोवर सहित सयटास’ उपर ।

प्रायःपोखरि-सरोवर जनआस्थास’ जुड़ल, जनकपुरधामकेँ सांस्कृतिक धार्मिक पहिचानस’ जुड़ल छै । तथापि एहिकेँ चुनावी मुद्दा किएक नइ बनाओल जाए ।

बिघाके बिघा गुठीके जग्गह गैरकानुनीरुपमे लोक दफनने छै कब्जा जमौने छै कतेक चोरदोगाहि दने लालपुर्जो बना लेने छै । तथापि सयो बिघास’बेसी अखनो गुठीके जग्गह छै ।

भूमाफिया, फटक दलाल, घुसखोर कर्मचारी, कमिशन खोर नेता, सुइध खोर धनपति लोक कब्जा जमाबमे अखनो लागल छै । विभिन्न युक्ति लगाक अपन-अपन तुक मीलान एवं काज सुतारमे उताहुल देखल जारहल छै ।

ओहन सार्वजनिक हितके सम्पतिकेँ संरक्षण सम्वर्ध्दन एवं प्रवर्ध्दनके प्रसंग स्थानीय जनप्रतिनिधि लेल मूल चुनावी मुद्दा नइ बनक चाही !

पोखरिसभकेँ कातेकाते भीड़-डिल, मोहार कब्जा भेल छै । ओ क्रम रोकब काज नइ होबक चाही ! ओ मुदा नइ बनक चाही अथवा उठाओल जाए चाही ।

एतुका मठ मन्दिर, पुराण शैक्षिक प्रतिष्ठानके उन्नति विकास ओकर मौलिक स्वरुप कायम करैत करब ओहो विषय चुनावी मुद्दा बनक चाही ।

आओर नइ जनकपुरधामक्षेत्रकेँ जानकी मन्दिर, राममन्दिर, रत्नसागर, सहित प्रमुख मठ-मन्दिरकेँ पुरापुरी व्यवस्थित कएल जाय चाही ।

ओकर महन्थ समाजक एहन होए जिनका बेद-पुराण, रामायण, महाभारत, उपनिषद् आदि शास्त्र, सभकेँ ज्ञाण अनिवार्य हुअ चाही । जाहिस’ बाहरी आगन्तुककेँ प्रभावित कसकैए ।

ओकर उत्तराधिकारी सेहो तेहने तयार कएल जाय चाही । जे मठ मन्दिरके गौरव गरिमा कायम राख सकैए । धार्मिककृत तेहने विधि विधानसंग करब हेतु गुणवान, बुद्धिमान, ब्यवहार कुशल, मधुरवाणी सत्य सरित्रक होबक चाही ।

विचार कएल जाय । एक्कहुटा मठ-मन्दिरके सन्त-महन्त एहन छै ? तखन ई मुद्दा किएक नइ चुनाबी मुद्दा बनक चाही ! टटका नेपालीके जग्गह सबिकाहाके प्राथमिकतामे राखल जाय चाही ।

जनकपुरबासी दलीय नेतृत्वकर्ता सभकेँ उम्मेदवार खाड़ करब काल अहुदिश प्रष्ट सोंच रहक चाही, ओहन चिन्तनशीलता कत छै ? चित्रश्रोतः विजयदत्त मणि ।

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