सुन्दरताके नाममे बदसुरत बनौलक जानकी मन्दिर

२०७७ भाद्र २५, बिहीबार १२:४१
सीमाञ्चल समदिया

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सीमाञ्चल समदिया,
जनकपुरधाम । कि भगेलै जनकपुरधामकेँ, केकर नजैर लाइग गेलै से नइ जानि ! कोनो नीको बस्तुके नीक नइ रह देल जारहल छै । केहन अभागल लोक छै एतहकेँ जे चुप्पी सधने छै । जतह स्वयं जगदम्बा जानकी अवतरित भेल छै ओ भूमिके, ओकर गौरब गरीमाकेँ, ओइ स्थानकेँ एहन हाल किएक ? विकासकेँ नाममे एहन विनाशी काज किएक ?? के जवाब देत । के छै एकर दोषी ।

केकरा गरियाएब, केकरा लतियाब-जुतियाएब ! एहन आक्रोष आ अनेकानेक प्रश्न आपरुप मोनमे आएत-जाएत; बस ! कनेक रौद गरम रहल समयमे सीता प्यालेश-जानकी मन्दिर प्राङ्गनमे जाएब त’ सोह पाएब । विकासके नाममे कोना विनाशक काज कएलगेल छै ओ अपन नजैरस’ देखला पर अनुभू्ति होएत । जानकी मन्दिरकेँ विश्व सम्पदासूचीमे सूचीकृत कएल जाए लेल बेर-बेर पहल होइत छै आ काज पुरा नइ होइत छै । एहने रबैया रहल आ एतुका लोक चुप्पी सधने रहल त’ आशा करु आगुओ दिनमे नइ होएत ।

मन्दिरकेँ सौन्दर्यीकरण बास्ते प्रदेश दूके मुख्यमन्त्री लालबाबु राउतकेँ प्रयासस’ सात करोड़ टाका प्रदेश सरकारक बजेट जानकी मन्दिरमे लाइग गेल छै । एहन चर्चा छै आधुनिक बिधुतीय उपकरण लगाक मन्दिरके चक्कमक्क करब काज सेहो होएत । प्रदेश दूकेँ सामाजिक विकास मन्त्राल सेहो ८५ लाख जतेक रकम मन्दिरकेँ देखनहुत बनाब वास्ते मन्त्री नवलकिशोर साह सुरखुरु कहाब लेल देने छैथ । सेहो रकम मन्दिर व्यवस्थापकद्वारा जियान कएलगेल छै । रकमस’ जानकी मन्दिरकेँ पछुति सुधारल गेल छै । मन्दिर सौन्दर्यीकरण नाममे मन्दिरके पाछा भाड़ादारी काज हेतु एकदर्जन जतेक पक्की कोठली निर्माण भचुकल छै । ईसभ नियोजित रुपमे भेल छै ।

मन्दिर परिसरस’ शौचालय हटाएब, मन्दिरउपर तिनकात हगनार मुतनार बनौछै तेकरा हटाबकेँ काज नइ भेल छै । भान्स घर ओहिना छै । गाय मालजाल लेल वियाहमण्डपकेँ काजमे लेल गेल छै । ई काजसभस’ मन्दिरकेँ शोभा सुन्दरतामे उन्टे दाग लगाबके काज भेल छै । अइसभ पर बाजबाला केओ नइ ! जानकी मन्दिरकेँ पूलवारीकेँ जग्गह सड़क विकासमे गेल तैलेल हाइहपार करबाला नागरिक समाजकेँ अगुवा सेहो मूँह सी लेने छैथ ।

सुन्दरता बढ़ाब लेल मुख्यमन्त्री स्वच्छता अभियान अन्तर्गतके रकम लगाक मन्दिरकेँ बाहरी परिसरमे टायल्स-मार्बल लगाओल गेल छै । जे काज सभस’ अधलाह आ बेतुकी मनपर्दी काज कएलगेल छै । मठ-मन्दिर लोक शान्ति प्राप्ति लेल जाइत छै । मुदा आब जानकी मन्दिर गेला पर तनाब उत्पन्न होइत छै । लगाओल  गेल टायल्स-मार्बल चटैक-चनैक राइबइ भेल जारहल देखल जासकैए । जनविकासी सरकार आ सरकारी टहलुसभकेँ काज देखला पर अक्रोषमे लोक सहजता पूर्वक आइब जाइए ।

केओ मरदाब हय ओ जानकीमन्दिर परिसरमे कनेको रौद रहलबेर जाक दशो मिनट ठमैकक देखाबो त’ वीर कहाएत ! सोझे धाह मारैत छै । पयर जड़बैत छै । लोककेँ ताकल नइ जाइछै । आँइख चिलमिला जाइत छै, चोन्हरा जाइत छै । धार्मिकस्थलमे  अजीब तरहकेँ तनाव लोक अनुभूति करैत छै । जखैन कि एहे जानकी मन्दिरमे चाहे ४२/४५ डिग्रीकेँ तापक्रम रहैत होए ।

तेहन प्रचण्ड रौद-गर्मीके समयमे  मन्दिर परिसरके भितर बाहर कतहु गेला पर शीतलता आ शान्ति सकुनके अनुभूती लोककेँ होइत छल । मुदा सुन्दरता लेल आब तेहन मार्वली-टायल्स साइटक विकास कएलगेल छै । जैस कनिको रौद-गर्मीमे ठाढ़ नइ रहल जासकैए । मार्वल गरम भगेला पर मन्दिर भितर छांयादारो स्थानमे गेला पर झरकी मारैत रहैत छै ।

इंटा जेहन सुर्खीयुक्त टायल्य-मार्वल लगाओल जाए चाहैत छलै । जे शितलता आ चमक दूनु दिअ सकैत छै । ओइदिश ध्यान नइ देलगेल । काज कराब बाला इन्जिनियर आ आन विज्ञसभकेँ विज्ञतापर सेहो जानकी मन्दिरकेँ काज भेल देखक पैघ प्रश्चचिन्ह खाड़ होइत छै । एना लगैतछै छेछरकट्टा गुरुजीस’ आ शनिचरी नइ चुकाबबाला चटिया जकाँ विज्ञता प्राप्त कएने होए ।

रौद गर्मी त’ गर्मी जाड़मे सेहो लोक ठाठस’ ठाढ़ भ’क’ दर्शन पुजन नइ कर सकत । पयर कन्न-कन्नाक सर्दियाम देत । तैँ जे कलहा टायल्स मार्बल लगाओल गेल छै । ओ अहुना अखने आधाछिया टुइट फुइट गेल छै,ओइके बदलल जाए । तिन-चाइर फिट माइट खखोइरक हटाओल जाए । इंटे कलरकेँ शीतलता दिअबाला जेना काठमाण्डौ पशुपतिनाथ आदिक्षेत्रमे लागल छै तेहन इंटे लगाओल जाए । अइस’ मन्दिरके आकर्षण मात्र नइ बनल रहत भूट देखाय लागल जानकी मन्दिरके ऊँचाइ सेहो पहिने जकाँ स्वरुपमे खाड़ देखाएत ।

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