सीमाञ्चल समदिया,
उपेन्द्रभगत नागवंशी, जनकपुरधाम । विश्वमहामारीके रुपमे बढ़ैत जारहल कोरोना महामारी सुरसा जकाँ मूँह बौने लोककेँ गिरैत जारहल छै । संक्रमणके चपेटमे के कखनि पड़त, केओ नइ जनैत छै ! सरकार पहिनही हर्ता बोइल देने छै, जे हम नइ सकब । तैँ निरास नइ होइ मुदा कोनो आश ककरोस’ करब बेर्थ छै । अपन स्वास्थ सुरक्षाके लोककेँ अपनेस’ ध्यान राखब आवश्यक भगेल छै ।
कोरोना महामारीके संक्रमणस’ बांचबलेल सचेतता, जागरुकता एवं सावधानी अपनायब एहे मात्र एकटा करगड़ आ सही उपायके रुपमे देखल जारहल छै । कतबो धनाठ्य होएब, टाका रुपैया धरलके धरल रहि जारहल छै । अस्पतामे जग्गह नइ छै । उपचारलेल भर्ति भइयो गेला पर जिनगीके भरोस की ? केओ नइ जनैत छै ! कोरोनामे मृत्य दर कम होइतो अवस्था भयावह छै ।
तेहन अवस्था भेने मुर्दोके शदिगति लेल केओ जा नइ सकैए । केओ अपनो लोककेँ मरहल मूँह धैर नइ देख सकैए । अपन पीड़ा अपनो लोक नइ ब्यक्त कसकैए । तेहन मानवीय संकट समय आइबगेल छै । ई महामारीके चपेटमे पैरगेला पर संक्रमितके सहयोगी नइ भेट रहल छै ।
देशमे बन्दा बन्दी छै बहुतोके बहुतराश दुविधा छै, असुविधा छै, केकरा के कहो आ के समस्याके निराकरण करत । के खगता दूर करत, के बेगरतापूर्ति करत, ओकरो ताकमे लोक नइ छै, तेनाक हीया हाइर रहल छै । लोक भगवान भरोसे अपनाकेँ पाविरहल छै । तथापि किछु चित्रसभ जे सामाजिक सञ्जाल मादे देखल ओ मानवताकेँ हरेक अवस्थाकेँ चीर्रीबीर्री करैत छै ।
सेवामुखी रोजगारकेँ धन आर्जनक माध्यम सेहो लोक बनौने छै । मानवता लोक बिसैर गेल छै ओ बोध होइत छै । जखन की कोरोना महामारीके बर्तमान कालमे प्रत्यक्ष लोक देख रहल छै कखनि के छै आ के नइ छै ! मरलाबाद शवके शदिगतियो नीकस’ नइ हुअ सैक रहल छै तेहना भयावह अवस्था छै । तैयो मानव चेत नइ रहल छै !
मिथिला नगरि जनकपुरधाममे कोरोना संक्रमणक लक्षणयुक्त एकगोटे बेमारीके आनल गेल, सरकारी नीजी सभअस्पतालमे ओकरा लजाओलगेल ।कतहु उपचार व्यवस्था नइ हुअ सकल बेचारे मैरगेल । जाहि गामस’ आएल छल ओहि गामठाममे जाक ओकर लाशकेँ राइख दिअके काज भेल ।
सोम दिन ई एहन हृदय विदारक दृश्यस’ ओहि परिवारके कि अवस्था बितल होएत, जेकर बाप, जेकर पति जेकर भाय, जेकर बेटा उपचार नइ पाविक मैरगेल, तिनका पर कि बितल होएत ! कतह गेल तीनु तहके सरकार आ ओकर रखवारसभ..! कतह मूँह गोंइत लेने छै अखनु ?
मिथिला नगरपालिका अन्तर्गतके मूलवासी ४० वर्षीय लोकबहादुर परियार, अपन ससुराइर बटेश्वरमे पाँच दिनस’ छल । ओतहि मोन खराब भगेलैक । स्थानीय आरपी मेडिकल हलके क्लिनिकमे प्रारम्भिक उपचार भेला पर सोमदिन साँझमे जनकपुरधाम एम्बुलेन्सस’ आनल गेल । जनकपुर प्रादेशिक अस्पताल, रामजानकी अस्पताल सहितमे लजाओल गेल । कोरोनाके शंकास्पद विरामी मानिक केओ उपचार लेल भर्ती नइ कएलक ।
परिवारजन हारिथाकिक घुमाक पुनः घर लगेल । जेनातेना राति बितौलक । स्थानीय मेडिकल क्लिनिकेबालाके दबाई चलैत रहल । प्रातः फेर बटेश्वरके ओहे क्लिनिकमे लगेल, अवस्था बेसी बिगरल देखला पर दोकानबाला बाहर लजाएके कहलक । घरक लोक करो त’ कि करो ओहि ओहापोहमे छल । ताबतमे भोरे सवा ७ बजे बेचारे परियारके स्थानीय आरपी मेडिकल हल (क्लिनिक) अगाडीए प्राण छुइट गेल ।
परिवारजन कोरोना डरस’ डेराक शव छोइरक ओतहस’ भाइग गेल । घण्टोधैर शव ओहिना क्लिनिक आगु लावारिस जकाँ पड़ल रहल । ई एकटा चित्र ।
दोसर चित्र नेपाल राजधानी काठमाण्डौमे सञ्चालित नाम चलल काठमाण्डौ मेडिकल कलेज अस्पतालके एकटा सूचना लिष्ट देखबमे आएल जे समाजिक सञ्जालमे भायरल भेल छै । उपचार लेल आबबला कोभिड-१९ कोरोना संक्रमितके लेल थप केविनके ब्यवस्था कएल गेल छै । मुदा बैशाख १९ गते रविदिन ६बजेस’ सिंगल बेडके चार्ज २० हजार प्रतिदिन लागत । डिलक्स रुमके बेडके चार्ज ३० हजार लागत सूचना जारी कएने छै ।
तहिना हेम्स होस्पीटल सेहो ७ हजारस’ ५० हजारधैरके शुल्क रखने छै । मात्र बेड चार्ज एतेक छै तखन आओर उपचार बातमे कतेक लागत ओ अनुमान कएल जासकैए । गरीबहा उपचार कराओत आ उपचार होएत ओ आब कल्पने नइ करो । बस मरब लेल तयार रहो ।
जिनका रकम छै ओ उपचार लेल जासकैए अस्पतालमे बेड सुरक्षित कराब सकैए । तेहनासन अवस्था देशमे भगेल छै । मानवीय सेवाक नाममे खुजल केएमसी, हेम्स जेहन अस्पताल सेवाक नाम पर मात्र धन उगाहि लेल छै ओ अखनुका बिकट परिस्थितिमे सेहो ओहने खेल अपनौने छै ओ प्रष्ट होइत छै । जखन कि सत्य ई छै मृत्युस’ के भागि सकैए आइ हम्मर त’ काइल्ह हुनको बारी छै ।
संगेसंग आइ जनकपुरधामके सड़क पर एहनो दृश्य देखाएल जाहिमे प्रहरी निषेधाज्ञाके अवज्ञा कएनिहार किछु युवाकेँ पीटक पीठ दोदारि देलक । जेना ओ मानव नइ दानव होइ एहो बात खटपटाएल छै ।
अइ बातक बोध कएनाइ आवश्यक छै । मानवताकेँ सेवा मूल्य चुकाक अथवा ल’क’ नइ हुअ सकैए । ई बात बुझब आवश्यक छै । धन धएले रहि जाएत जान उडि़क चैल जाएत,अखनो धनलोभीसभ चेतु । दरकारी लोककेँ लेल उसासी बनु ओहे नाम, यस संग जाएत शेष किछु नइ !
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