सीमाञ्चल समदिया
जनकपुरधाम । सामाजिक सेवामे तन-मनस’ लागल सेवक बैजनाथ साह खाद्यान भण्डार सञ्चालन कएलाह । ‘ जिनका दरकार छै ओ लजाउ ! जिनका लग छै ओ द’ जाउ !! ’ एहन श्लोगन अंकित क’क’ दैनिक उपभोग्य बस्तु वितरण करब काज कएलाह ।
मिथिलानगरी जनकपुरधामके जनकचौकमे सेवक बैजनाथ पर-उपकारी काज एनाक कएलाह । जे लोकके लिअमे धाक नइ लगै आ दिअमे सेहो कठिनाइ नइ होइ अथवा कोनो दबाव ककरो नइ बुझाई । एहन शालिनतापुर्वक खाद्यान्न बितरण काज क’क’ सुरखुरु कहौलाह ।
ओना त’ गरीब असहायकेँ लेल समय समय पर ओ दरकारी लोककेँ सहयोग करैत करबैत आएल छैथ । कोरोनाके विश्वमहामारीकेँ कारण नेपालमे चैत ११ गतेस’ शुरु भेल बन्दाबन्दीमे हिनका उपर थप जिम्मेवारी बढ़लै ओहो पुरा करैत आएल छैथ । कोरोना महामारीकेँ कालमे जतह सरकार जनताकेँ निरिह छोइर देने छै , ततै बैजनाथसन सेवक अभावि लोककेँ सकभैर अभावपूर्ति करबमे काजुल बनैत आएल छै । हिनक जतेक प्रशंसा कएल जाए कम होएत ।
कुबेरक भण्डार हुनका लग छै सेहो बात नइ ! मुदा समन्वय आ सहकार्य ओ करैत छै, ओ पैघ महत्व राखैत छै । जे करएमे ओ पाछु नइ रहैत छै । समाजस’ उठाक समाजकेँ दैत छैथ । जिनका लग छै हुनकास’ मांग कएल, लेलक जिनका नइ छै अभावमे छै तिनका द’क’ तेहन उपकारी काज करैत आएल छैथ ।
शनिदिन जनकचौक पर असहाय संरक्षण मञ्चकेँ तत्वाधानमे खाद्यान भण्डारण सञ्चालन कएलाह । खगता बेगरता पड़ल लोकलेल चाउर, दाइल, मूरही, आंटा-चिक्कस, नून,तेल, बड़ी-सोयाबीन, भूजा-भर्री,आदि दैनिक उपभोग्य खाद्य सामग्रीसभ सामाजिक दूरी कायम करैत सुरक्षा सर्तकता अपनाबैत प्रदान कएलाह । ई काज ‘काबिले तारिफ’ जोकर भेल ।
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