जनकपुरधाम गङ्गासागर छैठघाट, चित्रःनागवंशी । रौतहटके एकटा श्रद्धालु अर्ख देखबैत ।
सीमाञ्चल समदिया,
जनकपुरधाम । लोकआस्थाके महापर्व छैठके पहिल दिनके पुजा संझिया अरक डूबैत सुरुजके देखाक पुरा भेल छै । अइ तरहें काइल्ह भिन्सर उगैत सुरुजके खरक देखाक छैठ पर्वके समापन कएल जाएत ।
धनुषा बहुअर्बा ओलार पोखरिके छैठ, चित्रश्रोतः आर.के.कुश्वाहा ।
सनातनधर्म मानबाला समुदाय अन्तर्गत वैदिक कालस’ वर्तमान समय धैर अनेक युक्ति लगौला बादो छैठ लोक पर्व मूलतः रहल आ छै । वैदिक देवतासभसंग छैठके सम्माहित करब प्रयास कएल जाइत रहल मुदा कर्तासभ सफल नइ हुअ सकल । अन्यथा किछु वर्ग समुदायक बीचके पर्व भ’क’ रैह गेल रहित ।
धनुषा मिथिला नपा अन्तर्गत मिथिलासागर,चित्रश्रोतःविजय साह ।
जेना वैदिक कालमे नवेद आ घीयु जलमे प्रवाह कए वैदिकबिधिस’ छैठ करब काज भेल छल ओ बात स्वयं संसारमे पहिल रचित ऋग्वेदमे एकर चर्चा भेटैत छै । मुदा वैदकेबातके लोक सम्मति नइ भेटल । एह कारण छै छैठ कृषककेँ प्रतिनिधि मूलक पर्व छै । ततै हरेक धर्म सम्प्रदायबीचमे एकता सामजस्यस्ताके पर्व सेहो छै ।
अङ्गराज सर जनकपुरधाम ।
नइ कोनो जाति, धर्म पन्थ के बन्न्धन आ नइ छुवाछुत, नइ पुरोहित पण्डाकेँ दरकार आ आडम्बरी व्यवस्थापनक दरकार होइत छै । जिनका जे जतेक जुरल मीलल ओहो अनुसार चढ़ौलक पुजलक बस ! आस्था आ विश्वास श्रद्धा आ सम्पर्ण भाव मात्र अइ छैठ महापर्वमे चाही । जे लोकस’ लोककेँ जाड़ैत छै । लोकके लोकस’ मीलबैत छै ।
धनुषसागर जनकपुरधाम ।
पीढि़ दर पीढि़केँ सुसभ्य संस्कारीक लुइर बुद्धिके सीखबैत छै । तेहन ई पर्व छै । जाहि पर्वके मनाब लेल जलाश्य स्थल आ प्रसादके रुपमे मूलतः ठकुवा भूषवा आ केरा संगेसंग सिजिनिया फलफूल कन्दमूल, मेवा मिष्ठान आसिद प्ररिकारकेँ आवश्यकता होइत छै ।
रौतहटमे छैठघाट पर पुजन सामर्गीके छिट्टील’क’ जाइत पत्रकार साहित्यकार सञ्जय मित्र,
नेपालमे जमिथिला नगरि जनकपुरधामके छैठ नामी छै । एकर अपन तरहे खाश महत्व छै । जनकपुरधाममे गङ्गासागर, धनुष सागर, अङ्गराज सर, दशरथ सर, रुकमीनि सर, नोच्चा पोखरि, रत्नसागर , विहार कुण्ट, दूधमति घाट बेला आ बिसपीट्टी, पीराड़ी चौक गोरधोइ पाखरिमे छैठके रौनक बेसी रहैत छै । बेस देखनहुत ।
सर्लाही सिसौटियामे छैठघाट पर पवनैतिनसभ ।
अइबेर कोरोना महामारीके ओजहस’ दू आना लोक अपन अपन घरेमे जल जमाब क’क’, कृतिम पोखरि कायम क’क’ छैठ मनाबैत देखल गेल । यसवा व्यवसायी शशि साह, पकार प्रबिण साह, प्रभाश कणर् सभ अपन-अपन घरेमे छैठ मनबैत देखल गेलाह ।
सर्लाही सिसौटियामे छैठघाट पर पवनैतिनसभ । मत्यस्य पालन पोखरि जनकपुरधाम ।
अइबेर छैठके संझिया अरक शुक्र दिन आ भोरका अरक माने समापन शनि दिन परल छै । शनि दिन छैठ समापन संगे सभ पबनि एक लेखे बैस जाएत जे उक्कैबेर साउन पञ्चमीबाद स’ फेर पाबैन त्योहारके उठान होएत । ताहिस’ कहल जाइत छै ‘‘ छैठ सभ पवनी बैस । नागपाचे सभ पाबनी नाचे ’’ !
सप्तरी हनुमाननगरमे छैठ घाट पर कलाकार कमल मण्डल ।
पूर्वमेयर बजरङ्गप्रसाद साहके घरके छत पर जनकपुरधाममे कृतिक जलाश्यमे छैठ मनाब लेल राखल प्रसाद सामग्री ।
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