सीमाञ्ल समदिया,
जनकपुरधाम । पाँचदिन पहिने अमरशहिद दुर्गानन्द झाकेँ बलिदानी दिवस विभिन्न राजनीतिक दल एवं नागरिक समाजक अगुवासभ समेत फरक-फरक रुपमे कार्यक्रम आयोजन क’क’ श्रद्धा-सुमन अर्पण कएलक । गाणतन्त्रक लेल पहिल बिगुल फूकनिहार शहिद झाकेँ सम्बन्धमे नेपाल सरकार स्वयं भ्रम सृर्जना करब जोकर काज लीखितम् रुपमे कएने छै ।
अइ पर ककरो ध्यान नइ गेल । शहिद झाकेँ सम्बन्धमे राज्यकेद्वारा कएलगेल बबण्डरकेँ लेल के जिम्मेवार के छै ? ओकरा कठोर दण्ड देल जाय चाही । कारण शहिदकेँ बारेमे गलत जनतब दिअकेँ आ भ्रम सृर्जना करब ओहन अक्षमय अपराध कएलगेल छै ।
अमर शहिद दुर्गानन्द झाकेँ सम्बन्धमे कक्षा-११के नेपाली विषयक पाठ्य पुस्तकमे देलगेल जीवनी भाम्रक रुपमे प्रस्तुत कएलगेल छै । ओ काज घोर आपत्तिजनक छै । पुस्तक नेपाल सरकारके ‘शिक्षा,विज्ञान तथा प्रविधि मन्त्रालय मातहतकेँ पाठ्यक्रम विकास केन्द्र, सानोठिमी, भक्तपुर’व्दारा पाठ्य पुस्तक प्रकाशन कएलगेल छै ।
अहि पुस्तकमे भ्रम सर्जक बात लीखल छै ।
कक्षा एगारहके प्रकाशित नेपाली विषयक पुस्तककेँ ६१ नम्बर पृष्ठमे नेपाली भाषामे ‘सृर्जना आ परियोजना’ शिर्षक अन्तर्गत क्रम सं. १मे चित्र सहित “देलगेल तस्वीरके देखु आ चारुकातक पदावलीके आधारमे जीवनी लीखु” कहलगेल छै । जाहिमे अमर शहिद दुर्गानन्द झाके फोटे आ हुनके सम्बन्धमे दशटा घेरामे हुनका बारेमे मूल विषयसभ कहलगेल छै ।
कहलगेल विषयसभ मादे ४ टा घेरामे कहल बात झूठ गलत आ भ्रमित करएबाला छै । जेना—“शहिद झाकेँ मायकेँ नाम सुकुमारी देवी झा हुअ चाही, मुदा पुस्तककेँ ओ पानामे मायक नाम देविका झा लीखलगेल छै ।
तहिना हुनक जन्म एवं घर धनुषा जिलाकेँ जटही गाममे भेल, जगजाहिर छै । जे बर्तमानमे नगराइन नगरपालिका अन्तर्गत छै । मुदा प्रकाशित पुस्तकमे शहिद झाके घर सिरहा जिलाके जटहीमे भेल बात उल्लेख कएलगेल छै ।
अमर शहिद दुर्गानन्द झा २०२० साल माघ १५गते शहादत देने छलाह, से हुअ चाही । मुदा पुस्तकमे माघ ५गते शहादत प्राप्त कएने कहल गेल छै ।
शहिद देशकेँ होइत छै ओ तराई,पहार, हिमालके नइ । मुदा खश अहंकारी विव्दान लेखक कोन मनसुब्बास’ लीखला से नइ जानि । शहिद झाके तराई मूलके शहिद पुस्तकमे लीखने छै ।
पाँचम गल्ती पुस्तकमे छै शहिद झा नेपाल घुरला पर पक्राउ .. एहो बात अपच्य छै । राजा महेन्द्र जनकपुरधामके भ्रमणमे अएला पर कुर्रुर तानाशाही पञ्चायत व्यवस्थाकेँ बिरुद्धमे शहिद झा बम प्रहार कएने छलाह । तेकराबाद सीमापार प्रवासमे छलाह । ओहि अपराधके आरोपमे ५९ गोटेकेँ पकरल गेल छल । तखन जनतब भेला पर अमर शहिद गणतन्त्रक प्रणेता युवा दुर्गाानन्द झा स्वतः गिरफदारी दिअ लेल नेपाल अएलाह । अपन ससुराइर धनुषाके परवाहा रेल्वे टीशन पर आविक समरपण करित ओहिसमय हुनका पकरल गेल” ।
एहि बातकेँ घुमाक लीखलगेल छै । ई क्षम्यो भसकैए । मुदा धनुषाके लाल छै ओकरा सिरहा जिलावासी कहि देब लीखदेब, मायकेँ नाम गलत लीखदेब, शहादत तिथि गल्त लीखदेब ई अक्षम्य अपराध जाइन बुइझक कएलगेल बुझाइत छै ।
देखल जाए भ्रम सृजना करब लेल कतेक विद्वान मुरुतसभ सामेल छै..!
सन्तोषकुमार दाहाल व्दारा लेआउट डिजाइन कएलगेल पुस्तक २०७७ सालमे प्रकाशित भेल छै । पुस्तकमे उल्लेख भेल विव्दान लेखक बेगेन्द्र सुब्बा, देवीप्रसाद घिमिरे, रामचन्द्र खनाल, ज्ञानेश्वर निरौला लेखन कएने छैथ ।
पाठ्यपुस्तककेँ रुपमे लाबकेँ काजमे पाठ्यक्रम विकास केन्द्रक महानिर्देशक डा.केशवप्रसाद दाहालके संगेसंग डा.लेखनाथ पौडेल, प्रा.डा. रमेशप्रसाद भट्टराई, डा.नवराज कट्टेल,डा.जानुका नेपाल,डा. गीता खरेल, बिष्णु ज्ञवाली, नारायणजङ्ग थापा, टुकराज अधिकारी, गणेशप्रसाद भट्टराई , पुरुषोत्मक घिमिरेके योगदान छै । पुस्तककेँ विषय बस्तु सम्पादन इन्दु खनाल, भाषा सम्पादन चिनाकुमारी निरौला कएने छैथ । एतेक गोटे सम्मलित भ’क’ तयार कएल पुस्तकमे गलत बात सम्माहित छै ।
अहिस’ अनुमान कएल जासकैए आओरो श्रष्टा, शहिदकेँ बारेमे अलुल जलुले तथ्य अंकित कएलगेल होएत । अइकेँ तत्काल सुधार हुअ चाही आ बजारमे पठाओल पुस्तकके घुरता लेल जाय चाही । संगे नेपाल सरकारकेँ सम्बन्धित सभ पर कार्यवाही करक चाही ।
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