वृक्षारोपनमे जलेश्वरस’ जनकपुरधाम सिखो

२०७७ श्रावण १०, शनिबार १५:१७
सीमाञ्चल समदिया

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सीमाञ्चल समदिया
बृक्षारोपन काज बहुत राश पालिकामे विभिन्न निकाय करैत छै । हजारो रोपाइत छै मुदा आँगूरपर गनब जोकरो नइ देखाइत छै । अइ मामिलामे जलेश्वर नगर पालिकाक्षेत्रमे प्रवेश कएला पर बृक्षारोपनकेँ फरकशैली आ सुखान्त अनुभूति होइत छै ।प्रकृति हरेक तरहक गाछबृक्ष देने छै । जकर हब्बा–बसातस’ प्राणिकेँ कायानिर्मल, रोगव्याधि मुक्तिमे लोककेँ परम सहयोगी हुअ सकैए । एहन गाछ–वृक्ष लगाओल जाए चाही ।

शहरी परिवेसमे गाछ बेसी नम्हर नइ होए । मुदा झमटगर, हरियरी बरोबर आ देखमे सुन्दर छायादार होए ; तेहन वृक्षारोपन कएल जाए चाही ! त’ बेसी उत्तम रहत । ई सीख जनकपुरधामकेँ अपन परोसी जलेश्वरस’ लिअ चाही ।सीमाञ्चल समदिया बाढि़–दाहरकेँ क्रममे नगरक्षेत्रक अनुगमन कएला पर जलेश्वरमे एक रङ्ख–ढङ्गकेँ गाछ रोपल पौलक ।

खुशीक बात ई छै जतह बहुतराश पालिकासभमेँ विध पुरौबल बृक्षारोपन कएल जाइत छै । ततहि जलेश्वरमे विज्ञानिक सूझबूझसंग वृक्षारोपन कएलगेल बुझाएल ।उदाहरण लेल जनकपुरधाम उपमहानगर पालिकाके लेल जाए । नगरमे वृक्षारोपन कएल जारहल छै मुदा एकरुपता सुन्दरता लेल नइ बिध पुरौबल लेल भरहल छै ओ केओ बुझ सकैए ।

जे जेहन मोन भेल गाछ रोपिक इतिश्री कएरहल छै । गाछबृक्ष केहन आ किएक लगाबी ओ अनुभवहिन्ता साफ देखाइत छै ।ततहि जलेश्वर नगरक्षेत्रमे हरियरीके मात्र ध्यान नइ द’क’ बरु मानव–प्राणीकेँ स्वास्थ्य समृद्धिकेँ ध्यानमे राखिक बृक्षारोपन कएलगेल छै । सीमाञ्चल समदियाकेँ जे बात बेसी प्रभावित कएलक । कोनो प्रकृतिप्रेमीकेँ अहलादित करत ।

अइहेतु जलेश्वर नगरपालिका मेयर रमाशंकर मिश्र सहितक पदाधिकारी, हाकिम, कर्मचारीकेँ सराहना कएल जाए चाही ।छत्तिवन–छतौन, नीम, कपुर, गुल्डमोहर आदिकेँ बृक्षारोपन एकलाइनस’ एकरङ्गकेँ गाछ लगाक कएलगेल छै । नीयमीत रेखदेख कएल जारहल छै, जाहिस’ थोरबे समयमे झमटगर आ देखनहुत गाछ–वृक्ष भगेल छै ।

अइकाजमे पैरवी मञ्च नेपालक बर्दिवासके सेहो अहम सहयोग छै । ओना नगरके प्रमुख बाजारक्षेत्रमे कतहु कतहु गाछ सुखाएल लटुआएल सेहो अभरैत छै । जे स्थानीयबासीक लापरवाही, अपन घर–दोकानके आगा गाछ–वृक्षकेँ महत्व नइ बुझए सकबालाक नतिजा बुझाएल । जाहिपर जले.न.पा.ध्यान देबे करत !


जनकपुरधाममे सेहो नगरक्षेत्रमे वृक्षारोपन भेल छै । आओर भरहल छै मुदा सपैर नइ रहल छै । जतह जेना मोन भेल तेहन गाछ–वृक्ष रोपिक ‘झाराटारब’बला काज मात्र वृक्षारोपनके नाम पर भरहल छै । अइस’ नइ कहियो नगरक्षेत्र हरल–भरल हुअ सकत ! हँ , वृक्षारोपनकेँ नाम पर नगरके धन बेरवाद अवश्य होएत । जाहिस’ कमिशनखोर,धनउगाही कर्ता जनप्रतिनिधि, कर्मचारीकेँ नवबाट अवश्य भेटत । गाछ–वृक्ष एहन होए जे फल,छाल, पात,बीज सब काजो लागए ।

पहुनका लोक एहने बृक्ष लगाबैत छल । अखनु देखाबटी गाछ–वृक्ष रोपिक उन्टे वातावरणकेँ प्रदुषित आ मानव स्वास्थ्यसंग खेलवार करब काज सेहो होइत छै । एहन वृक्षारोपन नइ कएल जाए चाही ।

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