सीमाञ्चल समदिया,
शब्द/चित्र—उपेन्द्रभगत नागवंशी
जनकपुरधाम । वन जीवन छै । वन रहने जीवन सुरक्षित संरक्षित रह सकैए । तहि दुवारे वन लगाबके काज आजुक समयमे अधिक होइत छै । मुदा वन लगाबके संगे संग वन जोगाएब काज सून्य बराबर होइत छै । स्थानीय नीकायमे सेहो विभिन्न अवसर पर, अथवा नपा, गापाकेँ योजना अन्तर्गत वृक्षारोपन काज कएल जाइत छै । ई निक काज छै मुदा रोपल बृक्षकेँ तकतानो ओहने तदारुकता संग हुअ चाही । तखने गाछ हरियाएल लहलहाएत देखाएत ।
खुशीक बात ई छै जतह बहुतराश पालिकासभमे विध पुरौबल बृक्षारोपन कएल जाइत छै । ततहि जलेश्वरमे विज्ञानिक सूझबूझसंग वृक्षारोपन कएलगेल अनुभूति होइत छै । जलेश्वरमे एक रङ्ख-ढङ्गकेँ गाछ रोपलगेल देखल जासकैए । जे मोनके अह्लादित करैत छै । गाछ बढ़ला पर आओर अधिक सौन्दर्यबोध कराओत लोककेँ मन मोहत ।बृक्षारोपन काज बहुत राश पालिकामे भेल छै,भरहल छै । हजारो रोपाइत छै मुदा आँगूरपर गनब जोकरो नइ देखाइत छै । अइ मामिलामे जलेश्वर नगर पालिकाकेँ वृक्षारोपन काज प्रशंसनीय बुझाइत छै । नगरक्षेत्रमे प्रवेश कएला पर बृक्षारोपनकेँ फरकशैली आ सुखान्त अनुभूति होइत छै ।
प्रकृति हरेक तरहक गाछ-बृक्ष देने छै । जकर हब्बा-बसातस’ प्राणिकेँ काया-कल्प होइत छै, मन निर्मल, रोगव्याधि मुक्तिमे लोककेँ परम सहयोगी बनैत छै । गाछ-वृक्ष तेहने लगाबहु चाही । मुदा जनकपुरधाम उपमहानगर पालिका नगरक्षेत्रमे खानापूर्ति करब जोकर मात्र गाछ बृक्ष लगाबके काज कएने छै । शहरी परिवेसमे गाछ बेसी नम्हर नइ होए । मुदा झमटगर, हरियरी, देखमे सुन्दर छायादार होए, स्वास्थके लेल परम हितकारी होए, तेहन वृक्षारोपन कएल जाए चाही ! त’ बेसी उत्तम रहत । ई सीख जनकपुरधामके आओर नइ त’ अपन परोसी जिला महोत्तरीके जलेश्वर नगर पालिकास’ लिअ चाही ।
जनकपुरधाम उपमहानगर पालिकामे वृक्षारोपन कएल छै मुदा बृक्षमे एकरुपता नइ छै । सौन्दर्य बोधकता नइ छै । देह दशालेल नीक होए तापक्रमकेँ नियन्त्रित कर सके तेहन बृक्षसभ रोपलही नइ गेल छै । जेहो रोपल गेल छै ताहिकेँ रेखदेख, पानि पटाएब कटिङ्ग करब सेसभ किछु काज नइ कएल जारहल छै । अखनुका गर्मीमे सभके रोहनी ओहिना छै जेना कुपोषित रक्कटु प्राणी होए, झुरझुराइत मुरझाइत लोकसन गाछ देखल जासकैए नगरमे । एना बुझाइत छै स्वास्थ रक्षा लेल , वातावरणकेँ शुद्धतालेल, नगरके सुन्दरता लेल नइ, बिध पुरौबल बृक्षा रोपन कएल गेल होए । जेहन मोन भेल गाछ रोपिक इतिश्री कएल गेल छै ।
गाछबृक्ष केहन आ किएक लगाबी ओ अनुभवहिन्ता जनकपुरधाम नगरपालिकाकेँ साफ देखाइत छै । ततहि जलेश्वर नगरक्षेत्रमे हरियरीके मात्र ध्यान नइ द’क’ बरु प्राणीके स्वास्थ्य समृद्धिकेँ ध्यानमे राखिक बृक्षारोपन कएल गेल छै । सीमाञ्चल समदियाकेँ जे बात बेसी प्रभावित कएलक । गाछ-वृक्ष एहन होए जे फल,छाल, पात,बीज सब काजो लागए । पहुनका लोक एहने बृक्ष लगाबैत छल । अखनु देखाबटी गाछ-वृक्ष रोपिक उन्टे वातावरणकेँ प्रदुषित आ मानव स्वास्थ्यसंग खेलवार करब काज होइत छै । एहन वृक्षारोपन करबस’ परहेज करक चाही ।
जलेश्वर नगरक्षेत्रमे छत्तिवन-छतौन, नीम, कपुर, गुल्डमोहर, पलाश, रुद्राक्ष, आदिकेँ बृक्षारोपन एकलाइनस’ एकरङ्गकेँ गाछ लगाक कएल गेल छै । नीयमीत रेखदेख कएल जारहल छै, जाहिस’ थोरबे समयमे झमटगर आ देखनहुत गाछ-वृक्ष भगेल छै । अइ हेतु जलेश्वर नगरपालिका प्रमुख रमाशंकर मिश्र सहितकेँ पदाधिकारी, हाकिम, कर्मचारी प्रशंसायोग्य छैथ ।अइकाजमे पैरवी मञ्च नेपालक बर्दिवासके अहम सहयोग छै । ओना नगरके प्रमुख बाजारक्षेत्रमे कतहु कतहु गाछ सुखाएल लटुआएल सेहो अभरैत छै । जे स्थानीयबासीक लापरवाही, अपन घर-दोकानके आगा गाछ-वृक्षकेँ महत्व नइ बुझ सकबालाके नतिजा बुझाइत छै !
जनकपुरधाममे सेहो नगरक्षेत्रमे वृक्षारोपन भेल छै । आओर भरहल छै मुदा सपैर नइ रहल छै । जतह जेना मोन भेल तेहन गाछ-वृक्ष रोपिक ‘झाराटारब’बला काज मात्र वृक्षारोपनके नाम पर भरहल छै । अइस’ कहियो नगरक्षेत्र हरल-भरल हुअ नइ सकत ! हँ , वृक्षारोपनकेँ नाम पर नगरके धन बेरवाद अवश्य होएत । जाहिस’ कमिशनखोर,धनउगाही कर्ता जनप्रतिनिधि, कर्मचारीकेँ नवबाट अवश्य भेटत ।
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