मैथिलीके भाषायी एकरुपता स्थीर कएल जाएः डा.यादव

२०७८ आश्विन २४, आईतवार ०५:२१
सीमाञ्चल समदिया

  • 50
    Shares

सीमाञ्चल समदिया,
जनकपुरधाम । मैथिलीभाषाके समृद्धि लेल भाषायी एकरुपता पर गम्भिरतास’ एवं शिघ्रतासंग पहल कएल जाए चाही । भाषाके मानक स्वरुप निर्धारण नइ भेने मैथिली जनमनकेँ भाषा होइतो अइस’ आब जनजन कैट रहल छै ।

राजनीतिक अस्त्र ओहिमे आओर सहयोगी भरहल छै । मिथिला नगरि जनकपुरधाममे एकटा कार्यक्रममे स्रष्टासभबीच अइ विषपर गम्भिर चिन्ता ब्यक्त कएलगेल । ‘‘मैथिली भाषाकेँ लेख्यरुप स्थीर जाबतधैर नइ कएल जाएत ताबतधैर मैथिली सर्वस्वीकार्य अपनहुँक्षेत्रमे नइ हुअ सकत ।’’ मैथिली साहित्यकार सभाव्दारा आयोजित सर्जक सम्मान कार्यक्रममे भाषा बैज्ञानिक डा.रामावतार यादव ई बात बजलाह ।

              प्रमुखअतिथि डा.रामावतार यादवव्दारा सम्मानित होइत डा.रेवतीरमण लाल, कालीकान्त झा तृषित’, श्यामसुन्दर शशि  !

शनि दिन भेल सभाके दशम वार्षिक उत्सवमे प्रमुख अतिथिके रुपमे कार्यक्रममे सामेल डा.यादव सामेल छलाह । ओ अपन मनतव्य रखैत-‘‘ संसारके प्राचीनतम् भाषा मादेके एकटा भाषा मैथिलीयो छै । एकर प्राचीनता पर हम आओर खोज अनुसंधान करहल छी । मुदा मैथिली लीखब आ बाजबमे भिन्नता रहलास’ मैथिली भाषा-भाषी सर्वसाधारण दुबिधामे पड़ैत छै ।

हम बाइज रहल छी, ओ गलत त’ नइ छै ! लोक हँसत, किछु कहत त’ नइ !! एहन कुण्ठा रहैत छै मैथिलजनके । जेकर मूलकारण छै मैथिलीभाषामे एकरुपता नइ रहब ! मैथिलीके लेख्यफरकपनकेँ समय सापेक्ष सुधारण जाए । अइपर विव्दानसभ बैसक काज करए’’ सेहो आग्रह डा.यादव कएलाह ।

पूर्वसंसद बृषेशचन्द्र लालव्दारा सम्मानित होइत नित्यानन्द मिश्र, चन्द्रकान्त झा !

कार्यक्रममे विशेषअतिथि पूर्वसंसद बृषेशचन्द्र लाल-‘‘मैथिली साहित्यकेँ विश्वसाहित्यकेँ श्रेणिमे लजाएब आजुक बेगरता छै ’’ ताहिपर जोर देलाह । पूर्वमेयर समेत रहल लाल अपन सम्बोधनमे संसारक प्रसिद्ध लेखकसभकेँ कृतिके मैथिलीमे अनुवाद क’क’ प्रकाशन कएल जाए चाही ।’’ सेहो तर्क देलाह । संगेसंगे आयोजक संस्था मैथिली साहित्यकार सभाकेँ पुरस्कार हेतु १ लाख १० हजार टाकाकेँ चेक रकम सेहो अक्षय कोष लेल प्रदान कएलाह ।

  सर्जक रोशन जनकपुरीव्दारा सम्मानित होइत कमल मण्डल, सुनिल यादव !

सर्जक रोशन जनकपुरी अपन धारना राखैत ‘‘ज्ञान विज्ञानके विषय बस्तु, आधुनिक लेखनकेँ दिशामे कि भरहल छै । केहन शैली अपनाओल जारहल छै, कथा साहित्य मात्रे नइ विभिन्न वैज्ञानिक खोज अनुसंधान मूलक विषय वस्तु पर केन्द्रित पुस्तक-पुस्तिका, अनुवाद आबक चाही । लेखकसभकेँ अपन धरातलके पकैरक, संसारके नीक विषय-बस्तुसभकेँ अपनामे जोड़ब काज सेहो करक चाही ।’’ ओहो सुझाव जनकपुरी अपन मनतव्य क्रममे व्यक्त कएलाह ।

     सभाके सभापाल प्रेमविदेह ललनव्दारा नागेश्वर मण्डल, समाजसेवी ई.प्रकाशचन्द्र साह मादे विजयदत्त मणि सम्मानित होइत !

साहित्यकारसभाके काजके सराहना करैत साहित्यकार डा.रेवतीरमण लाल कहलाह-‘मैथिलीमे लोक आब साहित्य पढ़ब एकलेखे बन्न कए लेने छै । आधुनिक समाज नव-नव उपकरणमे सन्हियाएल रैह जाइत छै । पत्रिकाधैर कीनक पढ़’ नइ चाहैत छै ।’’

ततै युवा साहित्यकार,पत्रकार श्यामसुन्दर शशि ‘‘समाजके बदलैत परिवेश शिक्षा पद्धति अनुसार मैथिली लेखकसभकेँ सेहो अपनाके बदल पड़त । आब आहेमाहे किछु लीखक बजारमे ध’देलास’ लोक नइ ताकत,पढ़ब त’ दूरके बात छै । समाजमे भेल अविष्करण मुताविककेँ खुराक परोस पड़त ।

आधुनिक उपकरण मोबाइल, एप्प, भाइवर-साइवर आदिके सहारा लीअ पड़त । तखने अपना संगेसंग मैथिलीयोके कल्याण हुअ सकैए । ’’ ओ तर्क सिद्ध बात पुरस्कृत व्यक्तिसभकेँ दिसस’ शशि अपन धारना रखलाह ।

  साहित्यकार अयोध्यानाथ चौधरी मादे कवित्री विजेता चौधरी, एवं डा.रामसागर पण्डित मादे अनिलकुमार कर्ण सम्मानित होइत !

कार्यक्रममे ई.प्रकाशचन्द्र साह, साहित्यकार अयोध्यानाथ चौधरी, डा.रामसागर पण्डित, समाजसेवी ई.प्रकाशचन्द्र साह सहितके सहभागी प्रमुख वक्तासभ सेहो अपन-अपन धारना रखने छलाह ।

कार्यक्रम सभाके सभापाल प्रेम विदेह ललनके सभापतित्वमे भेल छल । जाहिमे स्वागतगान कवित्री मोती झा एवं स्वरचित स्वागत काव्य-वाचन कवि मनोज सिंह प्रेमेश कार्यक्रमके प्रारम्भमे कएने छलाह । कार्यक्रममे ११ गाटेकेँ सम्मानपत्र, गमछा-चद्दर ओढ़ाक माला पहिराक प्रमुख अतिथि सहित प्रमुख वक्तासभ मादे सम्मान कराओलगेल छल ।

विभिन्न कालखण्डमे मैथिली उत्थान हेतु आहुति देने विभिन्न स्रष्टासभकेँ नाम पर कायम कएलगेल सम्मान समेत दशम वार्षिक उत्सव पर सभाव्दारा सम्बन्धित सर्जकसभकेँ प्रदान कएलगेल ।

जाहि अनुसार ‘ज्योतिरीश्वर साहित्य सम्मान’ साहित्यकार डा.रेवतीरमण लालकेँ, ‘ग्रियर्सन गवेषणा सम्मान’ पत्रकार, रेडियो प्रस्तोता, युवा साहित्यकार, शिक्षक,पत्रकार श्यामसुन्दर शशिकेँ प्रदान कएलगेल ।

‘बदरी अनुवाद साहित्य सम्मान’ चन्द्रकान्त झाकेँ, ‘पाथेय युवा साहित्य सम्मान’ नागेश्वर मण्डलकेँ प्रदान कएलगेल । मैथिली साहित्कार सभा सम्मानस’ अनिलकुमार कर्णकेँ सम्मानित कएल गेल । सभाकेँ निशुल्क लेखापरिक्षण करैत अएलाके ओजहस’ कणर्के सम्मानित कएलगेल छै ।

तहिना ‘विद्यापति काव्य सम्मान’ विख्यात कवि एवं बास्तुशास्त्र ज्ञाता धनुषा देवपुरा निवासी कालीकान्त झा तृषित’केँ प्रदान कएलगेल । ‘शेखर साहित्य सम्मान’ धनुषा परवाहा गाम निवासी नित्यानन्द मिश्रकेँ प्रदान कएलगेल छै ।

अहिंतरहें ‘गार्गी साहित्य सम्मान’ हाल काठमाण्डौवासी कवित्री विजेता चौधरीकेँ, एवं ‘मञ्चीय कवि सम्मान’ कवि, चित्रकार, शिक्षक एवं सर्लाही सिग्हांसनिके मूलनिवासी विजयदत्त मणिकेँ एवं ‘योन्द्र साह कला सम्मान’ बहुअयामीक कलाकार, सप्तरी हनुमान नगर निवासी मैथिली अभियन्ता कमल मण्डलकेँ प्रदान कए सम्मानित कएलगेल । ‘मैथिली साहित्यकार सभा सम्मान’ अइबेर धनुषा निवासी नाट्य-कलाकार सुनिल यादव दामोदरकेँ देलगेल । सम्पूर्ण चित्रःनागवंशी/सीमाञ्चल

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

https://simanchal.com/wp-content/uploads/2020/07/ads-simanchal.png
https://simanchal.com/wp-content/uploads/2022/08/bigapan-Jnk.jpg

प्रतिक्रिया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित

simanchal.com
बीपीके पुण्यतिथिमे शैक्षिक सामग्री, पोषण आहार वितरण
२०८० श्रावण ७, आईतवार १०:०७
सीमाञ्चल समदिया
Maithili Kalakar
राज्यसिनेहस’ उपेक्षित मैथिली सिनेकलाकारसभ सम्मानित
२०८० असार ३१, आईतवार ११:३४
सीमाञ्चल समदिया
simanchal.com
पाँचसय वर्ष पुराण मिथिला परिक्रमा-यात्रा मटिहानी पुंगल
२०७९ फाल्गुन ११, बिहीबार २०:१९
सीमाञ्चल समदिया
simanchal.com
साहित्यकारसभाके वार्षिक उत्सवमे विभिन्न श्रष्टा सम्मानित
२०७९ माघ ७, शनिबार २२:०४
सीमाञ्चल समदिया
पुस्तकप्रति जन-जागरुकता बढाबलेल प्रदर्शनी
२०७९ पुष १९, मंगलवार २१:२१
सीमाञ्चल समदिया