सीमाञ्ल समदिया,
जनकपुरधाम । “पहिर भाई ! पहिर बहिनी ! प्रेमको यो माला, मनमा तिम्रो सम्झना स्वरुप रसाइ दिउँला । फूल झै फुलोस् मनमा माया यो मेरो रहर,आकाशबाट झरी आएछ गाउँ-घर शहर ।अमृतसरी छोयो यो मुटु लक्ष्मीको प्रसादले, जसरी सजिएछ सृष्टि हिमालको मुहारले”।
तराइक्षेत्रक सर्लाही जिला बसन्तपुर वार्ड नं.४ निवासी २५ वर्षक युवा मयुदिन अन्सारी रचित नेपाली भाषाक लघु खण्डकाव्य कृतिक उल्लेखित शुरुवाती काव्यधाराक किछु अंश छै ।
“साथी-सन्देश” शिर्षकके लघु खण्डकाव्य सोमदिन मिथिला नगरि जनकपुरधाममे एकटा समारोहबीच लोकार्पण कएलगेल । आइ काइल्ह रोजगारमुखी शिक्षा दिश प्रायः युवा केन्द्रित होइत छै । मुदा मयुदिन अन्सारी आइएड धरिकेँ अखनु शिक्षा मात्र आर्जन कएने छैथ । अपन साहित्यक रुचिकेँ जनसमक्ष आनब काज कएलाह ओ काबिले तारिफके बात छै ।
विद्वान साहित्यकार डा.रजेन्द्र बिमल कृति विमोचन करैत बेस प्रशंसा कएलाह । ‘लगन, सम्र्पण साहित्य रचनाक क्षेत्रमे अन्सारीमे जे देखल परेखल प्रतिभा अइ ओ प्रदेश-२केँ लेल शुभसूचक साबित होएत’ सेहो धारना डा.बिमल रखलाह ।
कृति बिमोचन कार्यक्रममे मैथिली विभागक पूर्व विभागाध्यक्ष एवं मिथिलाराज संघर्ष समितिकेँ अधयक्ष प्रा.परमेश्वर कापडि़, पूर्वसंसद महेन्द्रकुमार मिश्र, प्रा.रामचन्द्र झा, मैथिलीसेवी धिरेन्द्र झा मैथिल, जनकपुरधामके पूर्वउप-मेयर मो.असगर अली सहितक प्रमुख वक्तासभ कृतिकेँ प्रशंसा करैत लेखक अन्सारीकेँ बधाई देलाह ।
संगेसंग भविष्यमे आओर एहन कृतिसबहक संग्रह पुस्तकाकार रुपमे समाजक आगु आबए आ अप्पन भाषामे सेहो आबए ओ अपेक्षा सहभागी विद्वान, सर्जकसभ सेहो कएलाह । बहुरङ्गी आवरण सहित कूल ४८ पृष्ठक खण्ड काव्य पुस्तक रहल छै । चित्रःनागवंशी/सीमाञ्चल
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