सीमाञ्चल समदिया,
जनकपुरधाम । मिथिलानगरि जनकपुरधाम राजनीतिक हरेक परिवर्तनमे अग्रसरता लिअबाला परम पवित्र भूमि सेहो छै । अखनु स्थानीय निकायक निर्वाचन एहे बैशाख-३० गते हुअ जारहल छै ।
सयकड़ो उम्मेदवार चुनावी मैदानमे कूदल छै । सबहक ध्यये एक छै जनसेवा । जनउसास । मुदा जनभरोस पर सही उतरबाला काज अखनुधैर विशेषक जनकपुर नगर पालिकामे कोनो मेयर नइ कर सकलाह ।
तेकर कारण छै जनकपुर नगर पालिकामे दलगत उम्मेदवार रहल मुदा ई बिडम्बने कहल जाय ! कहियो कोनो दलके उम्मेदवार मेयर बनके सौभाग्य नइ पौलक ।
संघीय लोकतान्त्रिक गणतन्त्र नेपाल भेला पछाइत जनकपुरधाम उपमहानगर पालिका बनला पर तत्कालीन ‘राष्ट्रिय जनता पार्टी नेपाल’ के बैनर पर २०७४ सालमे लालकिशोर साह मेयर पदमे वीजयी भेलाह ।
प्रजातान्त्रिक आन्दोलनमे सामेल जेलनेल भोगल, अनेक पीड़ा सहने । जनताके बीच हरेक दुखः भोगने साह सन लोक जनविश्वास जीतमे सफल रहलाह ।
जाहि जनमतस’ ओ विजयी भेलाह ओहन जनवादी लोक, अपन कार्यअवधिमे जनताके आशिष नइ बटोर सकलाह । डिकटेर भगेलाह ।
जनताकेँ जन्तु जकाँ बुइझक प्रायः सभ नगरवासीके उमेद पर इन्होर ढारब काज मात्र कएलाह । जेकर भुक्तान हुनका अइबेरके चुनावमे करहि पड़तैन ।
हुनक कार्यशैली, जनताप्रतिके गैर जवाबदेहपूर्ण रबैया रहल । जेना बीरतामे मेयर पद भेटल होइ आ जनता हुनक रैती रहै ।
अनेक कुवाणीसभकेँ कारण जनताके कसौटी पर साह सही मेयर नइ उतैर सकलाह । जाहि समुदायके ओ छैथ ओहि समुदायोकेँ उपर धब्बा लगाबके कुचेष्टा कएलाह ।
एकटा दलके सक्षम नेता अपन नीहित स्वार्थमे लाइग गेलास’ आन दलके नेता, ओकर उम्मेदवार सेहो तेहने संख्खाकेँ घेराबन्दीमे केना पड़ैत छै,ओ अनुभूति एमकीके निर्वाचनमे आन उम्मेदवारकेँ कर’ पैर रहल छै ।
‘दूधके पाकल बिलाई घोरो फूइकक पीबैत छै’ तेहनासन अवस्थामे जनकपुरधाम के जनता अइबेर सचेता अपनाबैत दलवादीके नइ ; दल ढोलकीयाके नइ ; स्वतन्त्र उम्मेदवार पर नजैर टीकौने छै !
अहुना अइबेर पाँच दलीय गठबन्हनके नाममे दलसभकेँ सुच्चा कार्यकर्ता उम्मेदगर उम्मेदवारसभकेँ बाइर देलगेलास’ बिद्रोही-स्वतन्त्र उम्मेदवारसभकेँ संख्या अधिक छै ।
केओ लौलवस, केओ दलीय लगाबस’ अपनाके कटल बुइझक, केओ दलीय आन्तरिक सह पर एवं किछुए मात्र उम्मेदवार जनभल लेल स्वतन्त्र उम्मेदवार बनल छै ।
मेयर पदमे तेहने नामी, समाजसेवी जनउसासी एकटा उम्मेदवार छैथ— कर्मनिष्ठ समाजसेवी ‘बलराम महतो’ ! हिनकालग लक्ष्मी छै, सरस्वति छै, विव्दत् वर्गके जमात सेहो हुनकालग छै । जनसमर्थन जुइट रहल छै ।
मेयर बनताह त’ कमीशनलेल घमर्थन नइ हएतै । ओ घोषणा कए चुकल छैथ — ‘हम नगर पालिकस’ कोनो तरहके सुविधा नइ लेब ! गाड़ी-वाहन समेत उपयोग नइ करब ! विकास मात्र विकास करब । सड़कके, समाजके, अस्पतालके, शिक्षाके, स्वास्थ्यके, संस्कृतिकेँ, आदि ’ !
अहितरहके मुद्दा ल’क’ समाजसेवी महतो जनजनकेबीच जारहल छैथ, अपन भाव ब्यक्त करैत विकासी योजना जनकपुरके सुन्दर भविष्यके रणनीतिक योजना सुझा रहल छैथ ! लोक विश्वास करहल छै अइबेर मेयरके मत महतोकेँ !
ई नेता नइ छै जे झूठ बाजत, हिनक नेत सोझ छै, किछु अरबैसक चमत्कारी काज महतो करताह, जे जनकपुरधामके हितमे होएत । जनकपुरीयाके हितमे रहत ! तेहन लोक नगरके कमान सम्हारक होए ओ आशिष लोक हृदयस’ दैए रहल छै ।
ई खेरहासभ देखक दलीय राजनीतिक कएनिहार सत्ता आ सरकारमे सन्हियाएल सभमे सेहो हड़कम्प मैचगेल छै , बलरामके उम्मेदवारीस’ ! ई धनपति मेयर बनत त’ जैम जाएत । जनभरोस तेहने भगेल छै ।
जौं बलरामसन लोक राजनीतिमे जमत त’ दलीय दूधारे नीति नइ चलत ।जनताकेँ अधिकार-पहिचान, मान-सम्मान आ उत्थानके बात क’क’ ठाउँ पकरला पर अपन टेंट भरैत आएल आ कार्यकर्ताके कौरा फेकैत आएल नेतघट्टा नेतासभके नेतगीरी चौपट भजात ।
ताहि हेतु समाजसेवी महतोकेँ उम्मेदवारीस’ दल, दलवादी ओकर ढोलकीयासब नरछरा रहल छै । जेना नरछुत छू देने होए ।
भ्रम सृजनाक काज सेहो करत जे राजनीतिककर्ताके हथियार होइत छै । ओहि भ्रमके काट सेहो समाजसेवी महतोकेँ राख पड़तै !
ओना सही काट त’ असलमे जनते होइत छै । जनकपुरकेँ फेर एकबेर देखाबके छै दलजनबाला स’ भल नइ भेल ! जनउसासी जनप्रतिनिधिस’ भल होएत । ओ महतो सन स्वतन्त्रे लोक करत । लोक विश्वास ओहन बैन रहल छै ।
प्रतिक्रिया