जनकपुरधाम । पन्द्रह दिना मिथिला परिक्रमा यात्राके आइ चारिम दिनमे परिक्रमा डोला भारतीयभूमिस’ नेपाल प्रवेश कएलक ।
महोत्तरी जिलाके मटिहानी स्थित परिक्रमा गाछीमे परम्परागत मिथिला परिक्रमा यात्राके पड़ावस्थल पुगल ।
मटिहानी नगर पालिकाके मेयर हरिप्रसाद मण्डल डोलासंग सामेल सन्त-महन्त एवं सीतारामके अनुयायी-यात्रीसभके स्वागत एवं अभिनन्दन कएलाह ।
बृहस्पति दिन अनगुतिए पुंगल डोला आ यात्रीके स्वागत एवं सुरक्षार्थ महोत्तरीके प्रमुख जिला अधिकारी दिपक कुमार पहाडी,नेपाल प्रहरीके प्रहरी उपरीक्षक प्रकाश मल्ल, नेपाली सेनाके गणपति, सशस्त्र प्रहरी उपरीक्षक सहित स्थानीय भद्र, युवा महिला समाज सुधारकसभ मीलक स्वागत कएने छल ।
महोत्तरीके मटिहानी नगरपालिकामे मिथिला माध्यमिकी परिक्रमाके विश्रामस्थल रहलास’, नगरपालिकामे आइ सार्वजनिक बिदा देलगेल छै । यात्रीके कोनो असुविधा नइ होए ताहि बातके सम्पूणर् निगरानी कएल जारहल छै ।
सीमाक्षेत्रमे मटिहानी रहने दूनु पारके सुरक्षा निकाय अपन अपन क्षेत्रमे सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त कएने छै । से जनतब मेयर हरिप्रसाद मण्डल सीमाञ्चल समदियाकेँ देलाह ।
बृहस्पति दिन मटिहानीमे रात्री विश्राम पछाइत परिक्रम यात्रा महोत्तरी जिला सदर मुकाम जलेश्वर पुंगत । बुध दिन सीमापार भारतके मधुबनी जिला स्थित गिरिजास्थान फूलहरमे रात्री विश्राम कएलगेल छल । ओहिस’ पहिने भारतके कल्याणेश्वरमे परिक्रमा रातुकक समय बितौने छल ।
पाँचसय वर्ष पहिनेस’ शुरु भेल परिक्रमा यात्रा धनुषा जिलाके कचुरी गाम स्थित मिथिला बिहारीके डोलासंग यात्रा जनकपुरधाम आबैत छै । जनकपुरधाम वार्ड नं.१५ हनुमाननगरस’ विधिवत् परिक्रमा यात्रा आरम्भ होइत छै ।
धनुषाको ठेरा कचुरीस्थित मिथिलाबिहारी मठस’ सोमदिन मिथिलाबिहारीके डोला यात्रा हेतु बहार कएलगेल छल । मिथिला माध्यमिकी परिक्रमाके पहिल दिन हनुमानगरमे विश्राम कएला पछाइत अइबेर मङ्गलदिनस’ यात्रा आरम्भ भेल एवं हनुमानगरस’ यात्रा कल्याणेश्वर प्रस्थान कएने छल ।
कञ्चनवनमे परिक्रमामे सहभागी सम्पूर्ण एक-आपसमे रङ्ग अबीर खेलक होरि पर्वोत्सव मनबैत छै । सीताराम त्रेतामे होरि एतहि खेल्ने छलाह ओ स्मरण कएल जाइत छै । तैँ कंचनवनस’ औपचारिकरूपमे होरिके शुभारम्भ भेल मानल जाइत छै । अइबेर भव्य होरि समारोहके आयोजन बृहत्तर जनकपुर मादे कएलगेल छै । से जनतब बृहत्तर अध्यक्ष शितल शाह देलाह ।
हनुमान नगरस’ कल्याणेश्वर, फूलहर, मटिहानी, जलेश्वर, मड़ै, ध्रुबकुण्ड, कञ्चन वन, प्रर्वता, धनुषाधाम, सतोषर, औरही होइत भारतके बिसौल होइत पुनः यात्रा नेपाल प्रवेश करैत छै । रात्री विश्राम पछाइत जनकपुरधामके अन्तरगृह परिक्रमा फागुन पूर्णिमा दिन कएला पछाइत एकवर्ष लेल विश्राम देल जाइत छै ।
भारत नेपालके सांस्कृतिक सम्बन्ध सेतुके एहि यात्रा मादे अधिक बल भेटैत आएल छै । किएक त’ दूदेशके गृहस्त आश्रमक लोकबेदके सांझिया यात्रा होइत आएल छै । मिथिला परिक्रमा यात्राक क्रममे कूल १५ पड़ावस्थल मादे ४ भारतमे एवं ११ नेपालमे पड़ैत छै ।
जाहिके दूरी कूल १३३ किलो मीटर छै । जाहि यात्रीके नङ्गटे पयर सीतारामके अनुयायत्री भक्तजन जयसीयाराम जय जय सीयारामके मन्त्रोच्चारण् करैत पुरा करैत छै । १०५ कि.मी. नेपालमे एवं भारतीयक्षेत्रमे २८ कि.मी.परिक्रमा यात्रा यात्रीसभको पुरा करए पड़ैत छै ।
एहि यात्रास’ आपसी सम्बन्ध , आरोग्य, अननधन्नके प्राप्त, आत्मी तुष्टी एवं परोपकारी भावना सामजस्यता, प्राणीबीच आदरभाव जागृत होइत छै । लोक निर्लोभी भ’क’ सहज मुक्ति मार्गी हेतु सीतारामके अनुयायी होइत मनोरथ पूर्ण करैत जीवन सोकजगर करैत छैथ । एहन जनविश्वास छै ।
परिक्रमामे सहभागीसभकेँ लेल प्रत्येक वर्ष बृहत्तर जनकपुरक्षेत्र विकास परिषद् पन्द्रहो विश्रामस्थल पर, शुद्ध पेय जल, प्रकाशके व्यवस्था, बिजुली-बौल, विश्राम व्यवस्था करैत आएल छै । अहूबेर तेहने व्यवस्था कएलगेल छै ओ जनतब बृहत्तरके निमित्त कार्यकारी निर्देशक चिरञ्जीवी ढुङ्गाना देलाह ।
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