पञ्चतत्वमे विलीन सर्जक नेपालीके जीवन-संघर्ष बृतान्त

२०८० भाद्र १३, बुधबार ११:२०
सीमाञ्चल समदिया
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उपेन्द्र भगत नागवंशी,
जनकपुरधाम । बरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, प्रजातन्त्र सेनानी, प्रेसस्वतन्त्रता सेनानी, निर्भिकताक प्रतिमूर्ति महामना राजेश्वर नेपालीकेँ भौत्तिक शरीर मङ्गल दिन पञ्चतत्वमे विलीन भेल छै ।

 

हुनक दैहिक संस्कार सनातन धर्म-कृत अनुसार जनकपुरधाम बेलाकुट्टी लगमे दूधमति धारकातमे कएलगेल । हुनक एकमात्र पुत्र राघवेन्द्र प्रसाद साह मुखाग्नि दैत दैहिक दहनकृया मङ्गल दिनबेरियामे ३ बाजिक ५५ मीन्ट पर कएलाह ।

 

दाहसंसारक स्थल पर मधेश प्रदेशके मुख्यमन्त्री सरोजकुमार यादव, प्रादेशीक मन्त्री, पूर्वमन्त्री एवं लोसपा नेता राजेन्द्र महतो, नेकपा एमाले सचिव एवं पूर्वमन्त्री रघुबीर महासेठ, नगर उप-प्रमुख किशोरी साह, पूर्वप्रादेशीक संसद परमेश्वर साह, प्रेसस्वतन्त्रता सेनानी एवं नेपाल पत्रकार महासंघके पूर्व केन्द्रियसदस्य आ धनुषाशाखाके अध्यक्ष अशोक रौनियार, स्वतन्त्र बामबुद्धिजीवी रामरिझन यादव पार्थिव शरीर पर मालाफूल अर्पण क’क’ अन्तिम श्रध्दाञ्जलि देलाह ।

 

वार्ड नं.७ के वार्ड अध्यक्ष निरज साह मुन्ना, पूर्ववार्ड अध्यक्ष जानकीराम साह, वार्ड नं.१०के वार्डअध्यक्ष मिथिलेशलाल कणर्, एमाले समद्ध युवानेता सुरेन्द्र भण्डारी, शिवशंकर साह हिरा, सहित सयौं विशिष्ठ व्यक्ति सर्जक दिवंगत नेपालीकेँ पार्थिव शरीर पर मालाफूल चढ़ाक क’ अन्तिम दर्शन करैत श्रध्दाञ्जलि देलाह ।

 

नेपाल पत्रकार महासंघ धनुषाकेँ अध्यक्ष मणिका झाके नेतृत्वमे, बरिष्ठ उपाध्यक्ष अबधेश कामतको समन्वयनमे, पूर्वअध्यक्ष अनिल मिश्र, नित्यानन्द मण्डल, सहितके पत्रकारसभ सम्मलित हेंज महासंघके झण्डा ओढ़ाक श्रद्धाञ्जलि व्यक्त कएलाह ।

 

तहिना नेपाल पत्रकार महासंघ मधेश प्रदेशके अध्यक्ष राजेशकुमार कणर्, केन्द्रिय सदस्य रिंकुमारी मिश्रा, पुरण साह रौनियार, सुरेश यादव, शैलेन्द्र महतो क्रान्ति, अजय कुमार झा, हम स्वयं उपेन्द्र भगत नागवंशी सर्जक नेपालीकँे देहावशानी देह पर पुष्प चढ़ाक’ अन्तिम दर्शन करैत श्रद्धा-सुमन अर्पण कएल ।

 

सोमदिन रातिमे ८ः१० बजेमे निधन भेल सर्जक नेपालीकेँ शरीरकेँ माला-फूलस’ सजल गाड़ीमे राखिक हजारके संख्यामे अनुयायीसभसंग भजन-किर्तन करैत नगरपरिक्रमा कराओल गेल छल । हुनक जन्मधर्ती नीजी निवास स्थान बेला गामस’ १० बजे शोकयात्रा बहार भ कएलगेल छल ।

 

 

जनकपुरधामके जीरोमाइल, बशिष्ठचौक, बजरङ्गचौक, रामानन्द चौक ओतहस’ पुरुबमे रङ्गभूमिमैदान, हनुमत दरवार होइत जानकी मन्दिर-चौक, जनकचौक,राममन्दिर-चौक, भैरवचौक, नेपाल पत्रकार महासंघ तिरहुतिया गाछी होइत मुरलीसर विद्यापतिचौक शवयात्रा पुंगल । जत’ दिवंगत नेपालीकेँ चाहबाला सिनेही जनसभ माला-फूल ठामठाम चढाक श्रद्धाञ्जलि दैत गेलाह ।

 

 

विद्यापतिचौकस’ पश्चिम बिश्वकर्माचौक, सरयुगचौक, फेर जीरोमाइल होइत गणिनाथ गोबिन्द मन्दिर बेलापुल दूधमतिघाट शवयात्रा पुंगिक रोकल गेल । बेलाकुट्टी लग दूधमति किनारमे अपन नीजीभूमिमे दिवंगत नेपालीकेँ अन्तिम दैहिकसंस्कार कएलगेल ।

 

जतह हुनक पुत्र राघवेन्द्र, जमाय पत्रकार श्रीनारायण साह, भतिज कमल साह, प्रा.रमेश साह, डा.शम्भु साह सहित परिवारजन, सरकुटुम्बक लोकसभ समेत बेला-लादो, बिन्धी, बसपीटी, बसहिया,आदि गामक विभिन्न धर्म, समुदायक हजारो लोक मजिलमे सामेल राजेश्वर नेपाली अमर रहएके नारा गुञ्जमान कएने छल ।

 

जीवन संघर्ष बृतान्त—

उज्जरका धोती, कुत्र्ता आ ओइ उपरस’ बण्डी आ पयरमे कोन्हिया जुत्ता लगौने, काँखिमे झोरा लटकौने झटकारैत गणतव्य दिस बढ़ैत जारहल ओ व्यक्तीकेँ देखिते ठमैक गेल रही ! के छथि ओ ? उतारा नइ भेटल तखनु , बस ! हमहुँ एकटक हुनका जाइत देखैत रहि गेल रही ।

 

तहिया तिरहुतिया गाछी लगस’ बस खुलैत छल । आगुस’ ट्रक आकारक ८८नम्बरक बस छल । बस छुटिगेल छल, हम मटिहानी जाएलेल जीरोमाइल पुंगल छली। बस स्टेण्डस’ बस खुजला पर ओतह आधाघण्टा जतेक बस बिलमैत छल ।

 

ढल्केबर दिसस’ आएल बसकेँ मेल ल’क’ मात्र बस खुजैत छल । तैं जीरो माइल जाए पड़ल । ओहि समयमे ओतहि हुनका देखने रहिऐ । एकटा फरक चालिमे, जेना किछु खोजैत होए आ ओइलेल अपसिंयांत होए ।

 

२०४८ साल पछाइत जखन हम पत्रकारिताक्षेत्रमे प्रवेश कएल त’ बूझल ओ व्यक्ति केओ आओर नइ बेलाबला पत्रकार छलाह । माने बरिष्ठ पत्रकार प्रेस स्वतन्त्रता सेनानी राजेश्वर नेपाली ! जिनका बारेमे हमर पीताश्री राजेन्द्र भगत नागवंशी चर्चा कएने छलैथ । हमर अहोभाग जिनका नामेस’हम चिन्हैत छलिऐन्ह हुनका दर्शनो भ’ गेल । मुदा, ओ ओहे छथि ओ ६/७ वर्ष पछाइत पता चलल ।

 

 

प्रेसस्वतन्त्रता सेनानी बरिष्ठ पत्रकार राजेश्वर नेपालीक जन्म मिथिलानगरि जनकपुरधामस’ सटले दूधमति नदीके तट पर अवस्थित बेला गाममे भेल अछि। नेपालक धनुषा जिला बिन्धी गाम विकास समिति लादो-बेला गामक एकटा समपन्न कृषक परिवारमे बिक्रम सम्वत् २००२ साल भादव शुक्ल नवमी तिथि १९ गते बुध दिन,४ सितम्बर १९४५ ई.मे नेपाली जीक जन्म भेल छथि ।

 

 

नेपालक तानाशाही राणा साशनक अन्तक हेतु १९९२ साल बैशाख महिनाक अक्षय तृतिया (२२ गते ५ मई १९३५ ई.मे) अपन रक्तस’ हस्ताक्षर कए चुकल आ भारतीय स्वतन्त्रता संग्रामक प्रणेता महात्मागान्धीस’ भेट चुकल क्रान्तिकारी कृषक रामदुलार साह एवं श्रीमति इन्द्रमणि देवी साहक द्वितिय सुपुत्रक रुपमे हिनक जन्म भेल छैन्ह ।

 

प्रारम्भिक शिक्षा घरेपर काका राजनन्दन साहद्वारा आरम्भ कराओलगेल । तत्पछाइत जानकी नगर पाठशालामे(अखनुका जनकपुरनगरक वार्ड नं.७ स्थित विद्यालय) ।

 

 

ओकरवाद बसहिया गाममे संचालित निमाविमे नेपाली शिक्षा आर्जण कएलाह ।अपन गाम बेलास’ एक-डेढ़ कोस पुरुब दखिनमे दूधमति नदी हेलक पढ़’ जाए परैक । तीनकक्षा उत्तिर्ण कएला पछाइत विद्यालयक संगी निरस साह बसहिया जाएब छोडि़ देलाह ।

 

तथापि अध्ययनशील नेपाली एसगर पढ़ जाइथ । सातकक्षा उत्तिर्ण कएला पछाइत किछु समय बिन्धी गाम स्थित प्राथमिक विद्यालयमे सेहो पढ़लैन्ह । परिवार भरल पुरल रहने डेढ़वर्ष पछा बसहिया ईस्कूलक निमाविक एकटा शिक्षककेँ अपन देहरी पर राखिक पढ़ब काज कएलाह ।

 

 

बादमे साते कक्षामे मिथिलाक प्राचीन राजधानी जनकपुरधाम स्थित सरस्वती माध्यमिक विद्यालयमे नामाकंण कराक एसएलसी द्वितिय श्रेणिमे उत्तिर्ण कएलाह । ओकरवाद रामस्वरुप रामसागर बहुमुखी कैम्पस जनकपुरस’ आइ.ए, बी.ए, आ २०३८ सालमे मैथिलीक स्नातकोत्तर कक्षा सञ्चालन भेला पर एम.ए सेहो पास कएलाह ।

 

कैम्पस अध्ययनकाल नेपालमे तानाशाही सत्ताक बिरुद्धक आन्दोलन बेस पसैर चुकल छल जाहि आन्दोलनमे नेपाली होमाए लगलाह ।२०१८साल भादव-१९ गते नेपाली काँग्रेसक युवा नेता सरोजप्रसाद कोइराला भारतीय सीमाक्षेत्र जयनगरमे जोशगर होशगर युवक राजेश्वर नेपालीकेँ बजौलैन्ह । भेंटघांटमे कोइराला नेपालीकेँ कहलैन्ह-‘‘नेपालक प्रजातन्त्रक पुनरस्थापना लेल सशस्त्र संघर्षमे लागु !’’

 

गान्धीवादी विचारधाराकेँ वंशस’ आएल नेपाली अपन पुर्खाक देल संस्कारस’ पृथक नइ जाय चाहला आ नइ जासकलाह । ओ कोइरालाकेँ दू टूक शब्दमे कहि देलैन्ह-‘‘हम बम-फटका फोरबमे नइ लागब ! बनुक उठाक गोली नइ चलाएब !! कलम उठाएब आ लोककेँ जगाएब, ओ काज करब !!! अंिहंसात्मक आन्दोलनक प्रतिबद्धता व्यक्त कएने छलाह ओहे प्रतिबद्धता वर्तमानधरि बरिष्ठ पत्रकार नेपाली निमाहैत आवि रहलाह अछि ।

 

 

२०१५ सालमे जानकी नवमीक पुनित अवसर पर कविता लीखब काज आरम्भ कएलाह । २०१७ सालमे तत्कालीन राजा महेन्द्र अपन तानाशाही प्रबृत्ति देखौलाह । देशमे उथल-पुथल मचए लागल संसदीय सरकारकेँ बिघटन क’देलगेल ।

 

नेपाली काँग्रेसद्वारा प्रजातन्त्रक स्थापनार्थ संघर्ष आरम्भ भेल; ओइमे बरिष्ठ पत्रकार नेपाली पत्रकारिताक मादे आन्दोलनमे सहयोगी बनलाह ।भारतक पटनास’ प्रकाशित भरहल ‘नेपाल सन्देश’ साप्ताहिककेँ सम्पादकस’ सम्पर्क कएलैन्ह ।

 

प्रसिद्ध तिर्थस्थल वैधनाथधाम निवासी ओ पत्रिकाक सम्पादक दुर्गाप्रसाद खवाड़े बिहार सोशलिष्ट काँग्रेसक सन्थाल प्रङ्गनाक जिला सचिव रहि चुकल छलाह । ओहि समयमे नेपालक प्रजातन्त्रिक आन्दोलनक अगुवा वी.पी.कोइराला (बिशेश्वरप्रसाद कोइराला)प्रान्तिय महासचिव रहैथ । हुनकहि सम्पर्कस’ नेपाली आगु बढ़लाह आ प्रजातन्त्रक स्थापनार्थ आन्दोलनमे लगलाह ।

 

नेपालीद्वारा पत्रकारिताक आरम्भ

२०१८ साल कात्तिक-२६गते क्रान्ति दिवसक दिन ‘जनकपुरधाममे नेपाली काँग्रेसक नेता महेन्द्र नारायण निधि आ बलराम नायककँे पकराउ कएलगेल छल । ओहि सम्बन्धि समाचार छपल । बरिष्ठ पत्रकार राजेश्वर नेपालीक एहे पहिल समाचार छल ।

 

जनकपुरधाममे काँग्रेसी नेता निधि आ नायककेँ नेतृत्वमे भद्र अवज्ञा आन्दोलन भेल । नेता निधि आ नायक सहित ११गोटे राजनीतिककर्मीकेँ तत्कालीन साशकीय प्रहरी पकैरक जहलमे राखने छल ।

 

जनकपुरधाममे तहिया कोनो पत्र आ पत्रकार नइ छल । जेना नेपालीजी कहैत छथि ! सीमापारस’ कोनो विशेष समयमे सम्पादक वा सम्वाददाता आविक समाचार संकलन क’क’ जाइत आ प्रकाशन भेला पर ओ पत्रिकाक अंक नेपालमे पठाबक काज कएल जाइत छल ।

 

‘नेपाल सन्देश’ सम्पूणर् मधेशक संगहि नेपालक प्रमुख समाचारपत्रक रुपमे ओइ समयमे चलन चल्तीमे छल । नेपालमे आवागमनक सुविधा सेहो नहिएके बराबरमे छल ।

 

भारतीयक्षेत्रस’ हवाई मार्गस’ नेपालक राजधानी काठमाण्डौ आ भारतीय रेलमार्गस’ सीमाक्षेत्रक गाम-नगरिधरि पत्रिका पुंगैत छल । मिशन पत्रकारिताक रुपमे तहिया पत्रकारिता होइत छल । जे नेपाली राजनीतिक परिवर्तनमे बेसी काजुल होइत छल ।

 

जड़ैत आगिमे घीयु ठारब आ धधरा उठाबसन काज पत्रकारिता मादे होइत छल । तेहनमे बरिष्ठ पत्रकार नेपाली सन सपुत देश आ जनताप्रति प्रतिवद्ध पत्रकारसभ सामेल होइत छल ।

 

साँस्कृतिक कर्मी नेपाली
२०२० साल फागुन-७ गते राष्ट्रिय प्रजातन्त्र दिवसक अवसर पर राजधानी काठमाण्डौमे अखिल नेपाल राष्ट्रिय सांस्कृतिक समारोह आयोजन कएल गेल । समारोहमे हरेक अञ्चलस’ दश-दशटा कलाकार सहभागिता कराओल गेल छल ।

 

ओहिक्रममे जनकपुर अञ्चलाधीश कार्यालय शाखा नं.२ जलेश्वरस’ पाँचटा कलाकार छनौट क’क’ पठाओल गेल । जाहि पाँच मध्ये एकटा कलाकारक रुपमे बरिष्ठ पत्रकार नेपाली सेहो छनौटमे परलाह । ई सुखद पक्ष छल पत्रकार नेपाली लेल ।

 

काठमाण्डौ जमल स्थित राष्ट्रिय नाचघरमे प्रजातन्त्र दिवसक अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रममे फगुवा नृत्य प्रस्तुत कएलगेल । जे नेपालीक प्रयासस’ सफल भेल । मैथिली गीत संगीतक प्रस्तुति राष्ट्रियस्तरक मञ्चपर देशक नामी-गुणी लोकबीच पहिल बेर भेल ।

 

तत्पछाइत रेडियो नेपालस’ मैथिली गीत-संगीत-भजन आदिक स्थान भेट’ लागल । सांस्कृतिक यात्राक क्रममे बरिष्ठ पत्रकार नेपाली ‘नेपाली हिन्दी’ दैनिकक सम्पादक उमाकान्त दासस’ भेटलैन्ह । गप्प-सरक्का कएलापर दास प्रभावित भेलाह आ फागुन-११ गतेमे नेपालीजीकेँ पत्रिकाक जनकपुर सम्वाददाता रुपमे नियुक्त कएल गेलैन्ह ।

 

तहिना ‘दैनिक नेपाल’ नामक पत्रिकाक सम्पादक इन्द्रकान्त मिश्रस’ भेटलैन्ह आ ओकरो प्रतिनिधि बनलाह । दक्ष आ काजुल कलमजीवीक खगता सभकेँ तहियो रहबे करैन्ह तैं असगरि नेपालीकेँ कतेको पत्रिकाक सम्पादकक रुपमे काज करपरैन्ह ।

 

ओहि क्रममे फेर ‘नेपाल टाइम्स’ दैनिकक सम्पादक चन्द्रलाल झास’ सम्पर्क कएलैन्ह । ओहो अपन ओइ पछाइत ‘राष्ट्रपुकार’, ‘नवीनखबर’, सहितक पत्रिकासभमे सेहो समाचार लीखक पठाबक काज नेपालीजी करए लगलाह ।

 

वी.पी. कोईराला आ गणेशमान सिंहकेँ आठवर्ष पछाइत जेलस’ मुक्ति एवं भारतीय निर्वासनक समयमे पटनास’ पूणर्तः राजनीतिक पत्रिका ‘हिमालेशिया’ साप्ताहिक २०२६ साल बैशाख-१गतेस’ प्रकाशन आरम्भ भेल । नेपाली पत्रकारितामे बरिष्ठ पत्रकार राजेश्वर नेपाली नामक सिक्का पत्रकारिता क्षेत्रमे चलि चुकल छल ।

 

‘हिमालेशिया’क सम्पादक दुर्गा प्रसाद खबाडे़ प्रबन्धक तथा कार्यालय प्रतिनिधिक रुपमे नेपालीजीकेँ चयन कएलैन्ह । नेपालक पुरुबमे भद्रपुर, बिराटनगरस’ पछिममे नेपालगञ्जधरि आओर राजधानी काठमाण्डौधरि हरेक महिना समाचार विचार संकलन आ पत्रिकाक पुंगाबक काज लेल आबाजाही नेपाली जी कर’ लगलाह ।

 

समाचारक प्रभाव आ जहल
२०२६ साल फागुन-७ गते प्रजातन्त्र दिवसक अवसर पर काँग्रेसी नेता महेन्द्रनारायण निधिक लेख ‘राष्ट्रिय प्रजातन्त्र दिवस आ देशहित’ शिर्षकस’ ‘हिमालेशिया’मे नेपालीजीक मादे प्रकाशित भेल ।

 

गान्धीवादी विचारक आ प्रजातन्त्रवादी नेता निधिक ओ आलेख प्रकाशित होइते दूनुगोटे पकरल गेलाह । राजद्रोह मुद्दामे नेपाली आ निधि दूनु पर कारवाही एकसंग चललाह मुदा, निधि ओ आलेख पुरापुरी हमर अछि, कहला । लेखकीय पुरापुरी जिम्मेवारी लेला पछाइत पाछा नेपालीकेँ रीहा कएल गेल ।

 

२०२७ सालमे वी.पी.कोइराला स्वास्थ उपचार वास्ते लण्डन जाय चाहैत छलाह । ओ राहदानी (पासपोर्ट) लेल आवेदन कएलैन्ह मुदा, तत्कालीन सरकार आवेदन रद्द कए राहदानी नइ देलक ; वी.पी.भारतीय पासपोर्ट पर उपचार कराब गेलाह । तानाशाही कालमे पञ्चेसरकार राष्ट्रिय पञ्चायत-सभामे झूठ बयानवाजी कएलक ।

 

जाहिमे कहल गेल वीपी पासपोर्ट मंगनहि नइ छल त’ सरकार देत की ! ओकरवाद ओ विषयकेँ केन्द्र बिन्दुमे राखिक ‘‘वी.पी.के पत्र आ दरवारक प्रतिउत्तर पत्र ’’ शिर्षकस’ सभबात हिमालेशियामे बरिष्ठ पत्रकार नेपालीक मादे छपल । ओ विचारमूलक टीप्पणीयुक्त समाचार नेपाली राजनीतिकेँ हिला देलक । पैघ हंगामा भेल आ राष्ट्रिय पञ्चायमे सेहो बात उठल ।

 

ई नेपाली जीकेँ पत्रकारिताक प्रभाव छल । ओहन प्रभाव आइयो हुनक लेखनीमे कायम अछि । मुदा, सत्ता आ सरकारमे सामेल नैत्तिकपतन लोक गम्भिर नइ भेने ओ प्रभाव देखाइत नइ अछि । पाछा चलिक हिमालेशिया आर्थिक खगताक कारणे अनियमीत होइत होइत बादमे बन्न भगेल ।

 

क्रान्तिकारी पत्रकार राजेश्वर नेपाली काठमाण्डैस’ बहार हुअबाला पत्रिकासभ संग भारत पटनास’ प्रकाशित ‘आर्यावत्र्त’ एवं बनारसस’ प्रकाशित ‘तरुण’मे वीपीक आग्रहपर समाचार-विचार सभ प्रेषित कर’ लगलाह । ओहि समयमे बोधप्रसाद उपाध्यायक कहब पर काठमाण्डौस’ प्रकाशित ‘राष्ट्र पुकार’,मे सेहो समाचार पठाब लगलाह ।

 

२०३२ साल बैशाख-१९गते जनकपुरधाममे स्थानीय करकेँ संगहि बुद्धजीवी आ राजनीतिक कार्यकर्तासभकेँ संयुक्त सभाद्वारा संविधान सुझाव आयोगकेँ दिअ लेल बहुदलीय ब्यवस्था पुनरस्थापनाक मांग करैत निर्णय कएलगेल ।

 

नेपालीद्वारा पठाओल ओ समाचार राजधानीक ‘नेपालटाइम्स्’ ‘दैनिक नेपाल’, ‘नविनखबर’,‘राष्ट्रपुकार’,‘समिक्षा’, ‘नयां सन्देश’, ‘मातृभूमि’ साप्ताहिक पत्रिकामे प्रकाशित भेल । सरकारद्वारा सभपत्रिका प्रतिबन्धित कएलगेल ।

 

तीन महिना बादमे ‘नयांसन्देश’, ‘मातृभूमि’ तकरवाद ‘समिक्षा’ प्रतिबन्ध मुक्त भेल । मुदा आओरसभ बन्न भ’गेल । संविधान संशोधन भेला पछात प्रजातान्त्रिक विचारधाराक सम्वाहक चारु पत्रिका (‘नेपाल टाइम्स्’‘ दैनिकनेपाल’, ‘नविनखबर’,साप्ताहिक ‘राष्ट्रपुकार’,) पर रहल प्रतिबन्ध हटाओल गेल । ई पत्रिकासभ बन्न भेला पर बरिष्ठ पत्रकार नेपाली ‘समाज’ दैनिकमे समाचार पठाब लगलाह ।

 

 

किएक त’ पत्रकारिताक जोश कनेको कम नइ भरहल छलैन्ह । आ तत्कालीन व्यवस्था तेहन छल केओ सच्चा लोकतन्त्रवादी मोन मारिक सन्चमन्च बैसल नइ रहि सकैत छल । ताहुमे एकटा सुच्चा कलमजीवीक लेल त’आओर नइ; तैं ओ जनअपेक्षाकेँ अपन कलम बलें पुरा करब नैत्तिक दायित्व बुझिक संघर्ष कर’लगाह । आइयो ओ संघर्ष नेपालजी कइ रहल छथि ।

 

‘समाज’ दैनिकमे २०५० सालधरि सम्वाददातक रुपमे ओ काज कएलैन्ह । नयां नेपाल, चेतना, विश्वसन्देश,विश्लेषण, विश्वदीप, विश्व मित्र, नेपाल पुकार, जनमञ्च, जन्मभूमि, नेपाल वाणी, करेन्ट, नयांनेपाल पोष्ट, सहित डेढ़दर्जन जतेक पत्रपत्रिकाक प्रतिनिधिक रुपमे समाचार समप्रेशनक काज करैत रहलाह अछि ।

 

 

संगहि सीमा पार भारतसं प्रकाशित दैनिक ‘हिन्दुस्तान’मे सन् १९९६ ईस्वीधरि रिपोटिङ्ग कएने छथि । सरकारी सञ्चार माध्यम राष्ट्रिय समाचार समिति मे २०२० साल फागुन १३ गतेस’ छओ महिनाधरि पहिल बेर एवं २०४७ सालमे सेहो राससके प्रतिनिधिक रुपमे काज कएने अनुभव बरिष्ठ पत्रकार नेपाली लगमे छैन्ह ।

 

पत्रकारिता आ जेल-नेल
बरिष्ठ पत्रकार प्रेस स्वतन्त्रता सेनानी राजेश्वर नेपालीकेँ पत्रकारिताक कारणें २०१२ साल जेष्ठमे पहिलबेर पकरलगेल छल,। २०३१साल अषाढ़-७ गतेमे बमकाण्डक अनुसन्धानक नाममे सेहो पक्राउ कएल गेल छल ।

 

२०३६ सालमे बहुदल निर्दलक उहापोहबीच जनआन्दोलनक समाचार सम्प्रेशन कएला पर बैशाख-१८गतेमे सुरक्षा ऐन अन्तर्गत जेल सजाय सेहो नेपाली जीकेँ भोग पड़लैन्ह ।०३६ सालक जनआन्दोलनमे समाचार लीखला कारण जहल परएबाला पत्रकार मे नेपाली पहिल पत्रकार छल ।

 

एतेक नम्हर पत्रकारिताक यात्रामे बष्ठिपत्रकार राजेश्वर नेपाली समाजवादी प्रजातन्त्रवादी नेता वी.पी.कोइराला,तत्कालीन राजा महेन्द्र आ वीरेन्द्र, नेपालक अन्तरिम सरकारक प्रधानमन्त्री कृष्णप्रसाद भट्टराई, प्रम गिरिजा प्रसाद कोइराला,भारतक राष्ट्रपति निलम सञ्जिवा रेड्डी, ज्ञाणि जैल सिंह, प्रधानमन्त्री चन्द्रशेखर, अटल बिहारी बाजपेयी आ प्रतिभा पाटिल समेतस’ भेटल छथि आ समाचार-विचार समप्रेशन कएने एकटा जीवित इतिकास बोकने व्यक्तित्व छथि ।

 

पत्रारिता करैत जनकपुरधाममे २०३६, २०३९ आ २०४२ सालमे जेल जीवन बितौने बरिष्ठ पत्रकार प्रेस स्वतन्त्रता सेनानी राजेश्वर नेपाली सदैव संघर्षशील पत्रकारक रुपमे रहलैन्ह अछि ।

 

नेपालमे पत्रकारिताक भिष्म पितामह हम हिनका मानैत छिऐन्ह । हिनक संघर्षक गाथा बहुत छैन्ह हम त’ मात्र कनेक कनेक चर्चा कएल अछि , जे जानल बुझल आ सुनल-गमल अछि ।

 

२०३० साल आश्विन-२६गते महोत्तरी जिला सदरमुकाम जलेश्वर कारागारमे जहलस’ एकटा कुख्यात डकैत भगाओल गेल छल । ‘‘भारतमे निर्वासित काँग्रेसी नेता सबहक हत्याक षडयन्त्र ’’ रहल ओ प्रसंग उठाक कएलगेल लेखन ‘वैदेही’ साप्ताहिकमे छपला पर बरिष्ठ पत्रकार नेपाली प्रहरीक वान्टेड सूचीमे परलाह । मुदा हुनक लेखनी सत्य सावित तखन भेल जखन ; कात्तिक-२ गते काँग्रेसी युवानेता सरोज कोइरालाकेँ सीमा पार मधुबनीमे हत्या कएलगेल ।

 

२०३६ सालमे बहुदलक हार आ निर्दलक जीतक राजनीतिक परिवर्तनक पछाइत नेपालक साशक सबहक मनोबल उच्च छलहें । तराइवासीक महापर्व ‘छैठ’मे जनकपुरमे स्थानीय प्रहरी प्रशासनक नाङ्गट नाच देख सभ अचरजमे परिगेल । मुदा सभकेँ सभ मूँह सी लेने छल ।

 

श्रद्धा विश्वास आ सम्र्पणक लोक आस्थाक महापर्व छैठ दिन गङ्गासागर घाट पर कुरवारमे हात घुसिया घुसियाक भूसवा छै की बम से कहि ठकुवा भुसबाकेँ फोरि-फोरिक लोककेँ मात्र प्रतारित नइ कएलगेल सांस्कृतिक अनुष्ठानकेँ खील्ली सेहो उड़ाबक काज भेल ।

 

ओ ब्रतमे देलगेल प्रशासनिक भांगठकेँ बरिष्ठ पत्रकार नेपाली अपन प्रकाशन सम्पादनमे बहार होइत ‘लोकमत’ साप्ताहिकमे प्रमुखता संग समाचार छापलक । ओ बिरोधात्मक समाचारक कारणे स्थानीय प्रशासनद्वारा लोकमतक मुद्रककेँ धमकाबक काज भेल ।

 

अगहन-११ गतेमे प्रकाशन रोकल गेल छल । हार-गुहार कएला पर विधिवत् प्रकाशन अनियमीत रहल कहैत पुष-२४ गतेक पत्रिका रजिष्टेशन रद्द करब काज जिला प्रशासन कार्यालय धनुषाद्वारा भेल । पत्रिकामे सत्य समाचार लीखला पर पत्रिका दर्ता खारीज करब बिरुद्धमे सर्वोच्च अदालतमे नेपाली ओहि वर्ष माघ-४ गते रिट-मुद्दा दर्ज करौलैन्ह ।

 

२०४२ साल बैशाखमे एकटा सार्वजनिक समारोहमे पुंगल डाक्टर अमियकुमार मुखर्जीकेँ एस.पी.द्वारा कएलगेल पीटाईकेँ खबरि प्रकाशन कएला पर ओइकेँ प्रतिशोधमे काठमाण्डौमे भेल बम काण्डक घटनामे नेपालीकेँ फंसाओल गेल । मुदा सत्य सत्ये होइत अछि  । २०४२ साल अषाढ़मे काठमाण्डौमे बम बिष्फोट भेल छल ।

 

 

बम काण्डक घटनामे दूरदूरधरि बरिष्ठ पत्रकार नेपालीकेँ कोनो सम्बन्ध नइ छल । तथापि धनुषाक तत्कालीन प्रहरी प्रशासनक प्रमुख उनुस साधब लेल अषाढ़-७ गतेक अनुसंधानक नाम पर नेपाली जीकेँ पकरलक । अनेकन दुव्र्यवहार कएल गेल ।

 

पाछा जाक’ सुरक्षा ऐन अन्तर्गत पुर्जी थमाक जहल पठाओल गेल । तीन महिनाधरि प्रहरी हाजतमे राखल गेलो पर अपनाकेँ तीसमार खाँ कहाबबाला ओइ अवधिक स्थानीय पत्रकारसभ सेहो डरे जहलधरि भेटो करए नइ गेल ।

 

जलेश्वर कारागारमे नारकीय यातना भोगि रहल बेरमे बरिष्ठ पत्रकार नेपालीस’ मात्र ‘वैदेही’ सम्पादक चन्देश्वर गिरी भेंट कएने छल । बादमे काठमाण्डौस’ आबिक पत्रकार प्रेम कैदी आ प्रेमनारायण कोइराला भेंट कएलक ।

 

बमकाण्ड अनुसंधानक नाम पर अषाढ़-२१ गतेमे जनकपुरधामस’ बरिष्ठपत्रकार नेपाली सहित बरिष्ठ अधिवक्ता युगलकिशोर लाल, उपप्रध्यापक राम प्रसाद गिरी आ डा.लक्ष्मीनारायण झा सहित १४ गोटेकेँ काठमाण्डौ पकैरक लजाओल गेल ।

 

काठमाण्डौक हनुमानढोका स्थित प्रहरी हाजतमे दूनु हातमे बेरी (हथकड़ी) लगाक सभकेँ राखल गेल । एकटा बेरीमे दु गोटेक बान्हिक राखल गेल छल । जाहिस’ दिशा पेशाब करबमे सेहो नइ बनैत छल । एकटाकेँ हगवास लगला पर दूनुगोटेकेँ संगे जाय पड़ैत छल ।

 

कोनो लोकस’ भेंट-घांट करब नइ देल जारहल छल, तेहन सनक अवस्थामे बरिष्ठपत्रकार चन्द्रलाल झा, मदनमणि दिक्षित, मणिराम उपाध्याय, इन्द्रकान्त मिश्र,गोविन्द वियोगी आदि तत्कालीन प्रधानमन्त्रीस’ भेटक राजेश्वर नेपाली आ देवेन्द्र गौतमकेँ छोडि़ देल जाय लेल आग्रह सहित मांग कएलक । दूनु पत्रकारकेँ सुरक्षाऐन अन्तर्गत राखलगेल छल ।

 

ओहि क्रममे काठमाण्डौ प्रहरी हिराशतमे संगहि राखल गेल डा.लक्ष्मीनारायण झा,सत्यनारायण साह, इश्वर लामा, पद्म लामा, दिलीप चौधरी, साकेतचन्द्र मिश्र, आ सूर्यनाथ रान यादवकेँ साओन ४ गतेक हनुमानढोकास’ स्थानान्त्रित कएल गेल ।

 

सात दिन पछाइत साओन-११गतेक बरिष्ठ पत्रकार राजेश्वर नेपालीकेँ ओतहस’ सुरक्षाऐन अन्तर्गतक कारवाहीमे जिला घुराओल गेल आ जिला प्रहरी कार्यालयद्वारा जलेश्वर हाजतमे राखल गेल ।

 

ओहिबीच सर्वोच्चमे देने रिटक सुनवाई भेलापर आश्विनमे सर्वोच्च अदालतद्वारा जिला प्रशासन कार्यालय धनुषाकेँ ‘लोकमतकेँ’ प्रकाशन फुकुवाक निणर्य-आदेश देलक ।

 

‘‘निर्णय प्राकृतिक न्याय सिद्धान्तक विपरित रहल, कहैत सर्वोच्च पत्रिका प्रकाशन फूकुवा कएल जाए ’’ आदेश कएने छल । तथापि सम्पादक नेपाली जहलेमे छल ।

 

पाछा प्रशासनीक निकायद्वारा छुटला पर २०४३साल जेष्ठ-२८ गते शनि दिनस’ लोकमत साप्ताहिक पुनः प्रकाशन आरम्भ कएलैन्ह । अखनोधरि निरन्तर लोकमत प्रकाशित होएत आएल नेपालक सभस’ पुरान हिन्दी भाषाक पत्रिका मानल जाइत अछि ।

 

२०४० साल अषाढ़ १४गतेस’ प्रकाशन सुरु भेल लोकमत जनकपुरधामस’ प्रकाशित पत्र-पत्रिकामे २०४३ सालमे सर्वोत्कृष्ठ घोषित भेल पत्रिका अछि । पद्मानन्द ट्रष्ट पुरस्कारस’ पुरस्कृत सेहो । राजनीतिक पृष्ठभूमिक लोकसभस’ संगत आ देशमे एकतन्त्रीय साशन प्रणालीक बिरुद्ध एकपक्ष आ कुव्यवस्थाक पक्षधर राजावादी पञ्चेसमर्थकसभ दोसरपक्ष छल ।

 

जाहिमे प्रजातन्त्रक पक्षधर आ अन्याय अत्याचारक बिरुद्ध कलम चलाबस’ पाछा नइ रहनिहार मिशन पत्रकार राजेश्वर नेपाली सनसनकेँ बरोबरि कोनो नइ कोनो झमेलामे पारब काज होइते रहल । तैं लोकमतकेँ प्रथम अंक प्रकाशित होइते प्रशासनद्वारा भेदभाव बिरुद्ध समाचार सम्प्रेशन कएल कहिक पुछताछ कएलगेल आ सचेत करौलक ।

 

तथापि जन हितकारी पत्रकारिताक पक्षधर नेपाली अपन कलमकेँ नुकाबक काज नइ कएलैन्ह । जेना आजुक समयमे व्यवसायिक पत्रकारिताक नाममे बहुतो पत्रकार पीत पत्रकारिता कए रहल छथि । धन उगाहि लेल, एकवर्ग विशेषस’ मान बाहबाही पाब लेल,ओ नइ कएलैन्ह ।

 

तकर परिणति भेल हुनक प्रकाशन लोकमत अंक ६ स’ अंक १८ धरि जे बहार भेल ओइ अवधिभरिमे तीनबेर स्थानीय प्रशासन प्रमुख बजौलक ‘केरकार’ कएलक आ छोड़लक । किएक त’कानुनी रुपस’कारवाही करब कोनो युक्ति नइ भेट सकला पर मुद्रककेँ फोन क’क’ त्रशित करब काज कएल जाइ, जाहिस’ पत्रिका केओ छापबलेल तयार नइ होइ ।

 

मुद्रण रोकाक कानुनी रुपमे निरस्त भचुकल प्रेस नियमावली २०३२ के धारा प्रयोग क’क’ पत्रिकाक दर्ता रद्द समेत कएल जाएकेँ काज तत्कालीन सिडिओ करैत छल । तेहन वातावरणमे रहितोओ जनअपेक्षित पत्रकारिता करैत गेलाह । पत्रकारिता मादे नेपालीजी दाम नइ कमा सकलाह । हँ,नाम प्रतिष्ठा पाबमे नेपालमे दोसर ककरो जोड़ अखनो नइ अछि,तहियो नइ छल ।

 

गाडि़-बात आ लाठी प्रहार
‘राष्ट्रपुकार’मे प्रकाशित एकटा समाचारक विषय ल’क’ श्रमजीवी कलमजीवी राजेश्वर नेपालीकेँ २०४४साल फागुन-१८गते तत्कालीन जिला पञ्चायतक सभापति बद्रीबहादुर कार्की गाडि-फैजति कएलक आ थापर मारब धरिक प्रयास कएने छल ।

 

स्थानीय प्रशिक्षण केन्द्र मुजेलियामे एकटा कार्यक्रम आयोजित छल जाहिमे नेपालीजी सेहो आमन्त्रित छलाह । ओहि कार्यक्रममे पञ्चायतक सभापति कार्की बेज्जति बात करब संगहि अपन नामर्दी देखबैत एकटा कर्मनिष्ट पत्रकारपर हात उठाबक काज कएलक ।

 

नेपालीजी कमजोर नइ छलाह , कलम पकरबला हात गट्टा ममोरब काज सेहो कसकैत छैक ओ देखा चुकलाह । कार्की ओ दुव्यवहारकँे विभिन्न राजनीतिक दलक उच्चस्तरक नेताक संगहि समाजिक संघ-संस्थाद्वारा घोर निन्दा कएलगेल ।

 

 

२०४२ साल अषाढ़-२९ गते भानु जयन्तिक दिन राजधानीक हनुमान ढोकामे प्रहरी हाजतमे रहल बेरमे बरिष्ठपत्रकार नेपालीकेँ लाठीप्रहार कए अधमौगत कएल गेल छल ।

 

२०४६ सालक परिवर्तन पछाइत पुनः २०६०सालमे लोकतान्त्रिक आन्दोलनमे बैशाख-२८ गते प्रतिगमन बिरुद्धक आन्दोलनमे आयोजित मशाल जुलुसक समाचार संकलन लेल पुंगला पर प्रहरी लाठी प्रहार कए घाहिल बनौलक । प्रहरीक पीटाई खायमे हुनका संगहि गणतान्त्रिक नेपालक पहिल राष्ट्रपति डा.रामवरण यादव सेहो सामेल छलाह ।

 

नआन्दोलन दूमे देशभरिमे पत्रकारक भूमिका अतिमहत्वपूणर् छल । जाहिमे नेपाली जीक योगदान कनेको कम नइ । ०६२/६३ क जनआन्दोलन बूतापर नेपाल संघीय लोकतान्त्रिक गणतन्त्र रुपमे अन्तरिम संविधान मादे घोषित भेल ।

 

 

ओइ पछाइतो, राजनीतिक परिवर्तन संगहि समाजिक परिवर्तनक पक्षमे अखनो नेपालीजी ओतबे सक्रियता आ तटस्तता स’ कलम चलबैत आवि रहलाह अछि । शोषित, पीडि़त, उपेक्षित वर्गक समाचार समप्रेशन करैत छथि ।

 

देशभक्त मधेश भक्त आ खाँटी आँटी नेताक रुपमे जानल जाइत बामपन्थी विचारक मातृका प्रसाद यादव नेतृत्वमे चलल भ्रष्टाचार बिरोधी अभियानमे नेपालीजी सेहो सामेल भेलाह ।

 

भ्रष्टाचार बिरोधी अभिव्यक्ति देला पर आ लीखलाक कारण पहिने जकाँ पत्रिका प्रतिबन्धित नइ भेल नइ कतहुस’ ओहन टोकारी आ धमकी हुनका भेटलैन्ह ; मुदा स्थानीय प्रहरी प्रशासनि क्षेत्रमे सेहो भरहल भ्रष्टचारक खेरहा कहलाक कारणे मानसिकयातना अरबैसक दिअके काज भेल अछि ।

 

अपन कर्मस्थल जानकी मन्दिर लगक कार्यालय स’ अपन गाम बेला जारहल बेरमे २०६७ साल अगहन-१८ गते जीरो माइल लगक प्रहरी दूधमति पुल लग रोकि अभद्र व्यवहार कएलक आ अनुभूति ओ सुनबैत छथि । पत्रकार छी परिचय सहितक कार्ड देखौलो पर (हुनके शब्दमे कहल जाय त’ बेहुदा हरकत) बदसकुली हुनकासंग प्रहरीसभ कएलक ।

 

जाढ़-ठाढ़क समयमे साढ़े दशबजे रातिधरि पुलपर रोकिक हुनका एककातमे रखने रहल । अइ सभस’ ई प्रमाणित होइत छै पञ्चेप्रबृत्ति मधेश आ पहारकेँ देखबमे विभेदीकरण अखनो देशमे अछिए ।

 

२०६८ साल अगहन-२२गतेक भ्रष्टाचार बिरोधि प्रदर्शनमे जिला विकास समिति धनुषा प्राङ्गनमे प्रहरी निरिक्षकद्वारा कएलगेल अभद्र व्यवहारक सिकार भेल छलाह-नेपालीजी !

 

हुनका संग लोकतन्त्रोमे भेल एहन किछु घटनास’ ओ अगुतयला नइ आ नइ कहियो निराश भेलाह । निरन्तर देश, जनताक पक्ष मे कलम चलाबैत कत्र्तव्य निर्वाह क’रहला अछि ।

 

आधाशताब्दी अर्थात् पचासवर्षस’ अधिक समयक पत्रकारिता जीवनमे सदैव निष्ठाक पत्रकारिता करैत आएल, अनेक संघर्ष आ समयस’ जुझैत रहलाबादो अपन स्वाभिमान नइ छोड़लैन्ह-बरिष्ठ पत्रकार राजेश्वर नेपाली । तैँ आइ ओ प्रायः हरेक श्रमजीवी पत्रकारक हेतु प्रेरक पुरुष छथि । जीवन्त इतिहास आ चलैत-बुलैत शब्दकोष सेहो !

 

सञ्चारिक संगठनमे आवद्धता
स्वच्छ आ निर्भिक पत्रकारिताक ओजहें ३ बेर जहल, ३९बेर प्रहरी हाजतमे सजाय भोग पड़ल छैन्ह -बरिष्ठ पत्रकार राजेश्वर नेपालीकेँ । पत्रकारिताक पुजा मानिक आगा बढ़ब नीतिकसंग ओ २०४६ साल जनआन्दोलनस’ पहिने अषाढ़मे गठित ‘नेपाल पत्रकार संघ’क केन्द्रिय सदस्य भेलाह । नेपाली काँग्रेस पार्टीक बर्गिय संगठन नेपाल प्रेस युनियनकेँ संस्थापक एवं केन्द्रिय उपाध्यक्ष समेत रहल छथि ।

 

तहिना २०४७ सालमे नेपाल पत्रकार महासंघक सल्लाहकार आ २०४८ साल माघस’ २०५१साल अगहनधरि प्रेस काउन्सिल नेपालक सदस्य ; २०५३स’२०५५धरि श्रमजीवी पत्रकार आयोगक सदस्य भ’क’पत्रकारिता के नीतिगत तहमे रहिक नीक सेवा कएने छथि ।

 

सम्मान पुरस्कार
लोकतन्त्रप्रति पूणर् समर्पित निष्ठावान पत्रकारक श्रेणिमे पहिल रहलाक कारणे गणतन्त्र नेपालमे २०६५ साल बैशाख-२१गते नेपाल पत्रकार महासंघद्वारा ‘‘ प्रेस स्वतन्त्रता सेनानी ’’ घोषित कएल गेल ।

 

तत्कालीन प्रधानमन्त्री गिरिजाप्रसाद कोइराला हस्ते प्रेस स्वतन्त्रता सेनानीक महासम्मानस’ सम्मानित, बरिष्ठ पत्रकार राजेश्वर नेपालीकेँ २०६८ साल जेष्ठ-२६गते सञ्चार मन्त्रालयद्वारा दू लाख टाका नगद रकम सहितक ‘‘बरिष्ठ पत्रकार सम्मान ’’ प्रदान कएल गेल ।

 

 

एकटा कुशल सर्जक समेत रहल बरिष्ठ पत्रकार नेपालीकेँ मातृभाषा मैथिली, राष्ट्रभाषा नेपाली आ परोसी देश भारतक राष्ट्रभाष हिन्दी सहित दु दर्जन जतेक पुस्तक प्रकाशित छैन्ह ।

 

अनेक साहित्यिक पुरस्कार सेहो प्राप्त भेल छैन्ह । आधाशताब्दीक दीर्घपत्रकारिता यात्रामे ५ पुरस्कार आ तीन दर्जनस’ अधिक सम्मान अभिनन्दन संगहि ४ साहित्यिक पुरस्कारस’ सेहो नेपाली सम्मानित भए चुकल छथि ।

 

अन्तर राष्ट्रिय मैथिली परिषद्क उपाध्यक्ष आ जनकपुर बौधिक समाजक एवं नेपाल हन्दी प्रतिष्ठानक अध्यक्ष सहित अनेकन समाजिक संघ संस्थामे संलग्न छथि । नेपाल पत्रकार महासंघ धनुषास’ प्रायः केन्द्रिय पार्षदमे विजयी होइत आएल छथि आ अखनो पार्षद् छथि ।

 

एहन व्यक्तित्वकेँ संविधान निर्माण सन काजमे देशक नइ कोनो राजनीतिकदल आ नइ स्वतन्त्रे रुपस’ सभासद् बनाक संविधानसभामे पुंगाब के काज कतहुस’ भेल । नेपालक राजनीतिक दल,ओकर नेताक अदुरदर्शिता,बौधिक खगता कहल जाय त’ बेजाय नइ होएत ।

 

आबाज बिहिनसभकेँ आबाज बनिक देश-समाजके पक्षमे जीवनपर्यन्त निश्पक्ष रुपस’ कलम चलाबैत आएल पत्रकारिताक लोहपुरुषप्रति हम नतमस्तक छी आ रहब ।

(२०७४ साल बैशाख-१८गते प्रकाशित,उपेन्द्र भगत नागवंशी लीखित ४१२ पृष्ठक ‘प्रतिभाशाली पत्रकार’ पुस्तकस’राजेश्वर नेपालीकेँ जीवन-संघर्ष बृतान्त जहिनाके तहिना-साभार’)।

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