सीमाञ्चल समदिया,
जनकपुरधाम । कोरोना महामारी कालमे सभकेँ फिरसानी अपन-अपन तरहे छै । अइमे सरकारी सरोकारी निकायसभकेँ सम्झदारी आ व्यवहारिक होएब दूनु आवश्यक छै । एकलहैतकेँ बन्दीस’ प्रायः लोक मर्माहत भेल छै । अत्यन्त माइरमे परल उद्योगी व्यवसायीसभकेँ अपन बातो राखब लेल ठाउँ नइ भेटए त’ ओ करत की, ककरा कहत !
शुक्रदिन भोरमे फोटो स्टूडियो खोलला पर दोकन्दारके पकैर प्रहरी लगेल । बृहस्पति दिन जनकपुर चेम्बर्श अफ कमर्श छलफल हेतु निर्धारित कएने स्थानमे भिन्सरेस’ सुरक्षाकर्मी तैनात करा देलगेल ।
जनकपुरधाम भानुचौक लगमे उपमहानगरपालिका कार्यालय अगा सञ्चालीत हनुमान स्टुडियो संचालक दिपक साह एवं अरबिन्द साहकेँ प्रहरी नियन्त्रणमे लेलक आ जिला प्रहरी कार्यालयमे रखक । पकरैतकाल विभिन्न पेशागत व्यापारीसब घटनास्थल जुमल आ प्रहरी रबैया बिरुद्ध मुर्दाबादी नारा जुलुस लगौलक ।
किछु ब्यापारीके बिरोधकेँ ब्यापार संघ बिरोध कएलक कहिक प्रहरी अधिकारी आइग बबूला भगेल । प्रहरी नियन्त्रणमे रहल व्यवसायीकेँ छोड़ाब लेल पहल कएलगेला पर बात फरिछाएल तब सार्थक परिणाम आएल । पकरलगेल साहद्वय ब्यापारीकेँ तीनबजेके ओनपोनमे छोड़ल गेल ।
बृहस्पति दिन एकटा जातिय समूह दिसस’ बहार कएलगेल मोटरसाइकिल जुलुसकेँ व्यापारीके जुलुस प्रहरी प्रशासन बुझलक आ भोरमे दूटा व्यापारीके ध’लेलक ।
‘घाउ कतहु आ पोह कतहु बाला कहबी’ ! व्यापारीकेँ जुलसु कहि भ्रमित कएलगेल । ताहि भ्रमके चीरैत जनकपुर उद्योग बाणिज्य संघकेँ अधिकारीक लोक मिडियामे सफाई देलाह ।
‘‘ प्रहरी बिरुद्ध कोनो तेहन बिरोध आ जुलुस नारा नइ कएलगेल छै !’’ बाणिज्य संघकेँ महासचिव जितेन्द्र महासेठ सफाइ देलाह । ‘‘ धनुषा प्रहरीकेँ ज्यादती आ मनपर्दी बिरुद्ध मोटरसाइकल सहितके बिरोध प्रदर्शन सेहो हमसभ नइ कएने छी । धनुषा प्रहरी प्रशासन कतहु नइ कतहु अइमे चूक कए रहल छै । ’’ सेहो महासचिव महासेठ खुलस्त कएलाह ।
कोरोना महामारीके रोकथाम तथा नियन्त्रण हेतु स्थानीय प्रशासन जनकपुरधाम सहित धनुषा जिलाभरमे २२ दिनस’ निषेधाज्ञा जारी कएने छै । निषेध आज्ञा बन्दाबन्दीकेँ पालन नामकेँ लेल मात्र भरहल छै । ताहि पर प्रहरी शक्ति अपनौने छै ।
आर्थिक खगता, मानसिक परेशानी, न्युतम् आवश्यकतापूर्तिमे नितान्त कमी सत्ता आ सरकारमे सन्हियाल लोक जनताप्रति गैर जिम्मेवार बनल; मूठ्ठी भैर लोकके छोइरक आमजनता त्राहीमाममे छै । अइबातके नकारल नइ जासकैए । तेहनासन अवस्थामे प्रहरी प्रशासनीक निकायके लोककेँ बेसी धैर्यता आ सम्झदारी एवं सामजस्यतापूरण कार्य करब कराएब दिस क्रियाशील रहब आवश्यक छै । तहिना सचेत नागरिक, समाजके अगुवा, कहबैकासभके सेहो !
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