सीमाञ्चल समदिया,
जनकपुरधाम । कहल जाइत छै डर लोकके भयभीत करबैत छै आ भयस’ लोक सर्तक होइत छै । मुदा आइ शुक्रदिन जनकपुरधाम राममन्दिर स्थित राजदेवीके दर्शन पुजनमे देखल मानव हेंज सबटा डर-भय लोकके हेरा देने छल ; ओ बोध भेल । लोक बिसैरगेल सन बुझाएल जे विश्वमहामारीके रुपमे कोरोना संक्रमणके चेटमे हमरोसभके देश पड़ल छै ।
कोरोना संक्रमणके सामुदायिक स्तरपरके खतरा दिनानुदिन हमरोसभके देश नेपालमे बढ़ैत जारहल छै । ओइ खतरास’ बाँचब आ बचाएब हेतु ‘‘ भीड़-भाड़ नइ करब, भीड़भाड़मे नइ जाएब आ मानव मानवबीचके कम्तिमे दू मीटर राखब’’, तेनाक साबधानी अपनाएब ! मूँहमे मास्क लगाएब, कोरोना भायरसके संक्रमणस’ बाँचब लेल हात सेनिटाइज करब आदि प्रकृया पुरा करैत जाएब कहल गेल छल । स्थानीय प्रशासन सेहो अइबात लेल सभकेँ अगाह करौलक मुदा लोक मानबाला नइ भेल । दैविक आस्था आ विश्वासके आगा कोरोनाके कहरके कोनो भय लोकमे मिसियो भर नइ देखाएल ।
प्रदेश दू अन्तर्गत धनुषास’ सटले परोसी जिला सिरहा, महोत्तरी आओर सप्तरीमे स्थानीय प्रशासन कोरोना भायरसके संक्रमण फैलस’ रोकब लेल दशैंसन राष्ट्रिय पर्वमे निषेधाज्ञा(कर्फू) आदेश जारी कएने छै । धनुषा जिलामे स्थानीय युवाकल्व, राजनीतिक दल, समाज सुधारक अगुवा भद्र लोकसभकेँ आग्रह पर स्थानीय प्रशासन निषेधित कार्य नइ कएलक ।
तेकर ई बिशेषता कही अथवा लापरवाही उन्टा काज भेल । एतुका लोक अपने सम्झदार छै बुझनिक छै कोरोनाके डरस’ दूर रहत, सर्तक रहत माइनक छोड़ल गेल । मुदा लड्रडू मिष्टान चढ़ाब लेल, राजदेवी महारानीके खोंइछ भरब लेल आ दर्शन पुजन करब लेल हेंजके हेंज महिला, पुरुषक हुल ततेक नइ जुमल देखल गेल जे कोरोनो कुँहैर उठल होएत ।
राजदेवी मन्दिरस’ जानकी मन्दिर धैर दुईए बजे रातिस’ लोकक हुजुम पंक्तिबद्ध भगेल छल । एककात महिला आ दोसरकात जनकमन्दिर दने शिवचौक, भानुचौक दिस जाएबाला बाटमे पुरुषसभ पंक्तिबद्ध दर्शन पुजन आ मष्टिान चढ़ाब लेल लाइनमे लागल देखल गेल । ओहिना जेना आन साल रहैत छै ।
आयोजक श्रीमहावीर युवा कमिटी जतेक माइकिङ्गक कएलक, जतेक प्रचार भेल अइबेर भीड़ नइ लगाब लेल , ततेक बेसी भिड़ भगेल । जतेक कहलगेल नइ-नइ ततबे भेल हँइ-हँइ ! महावीर युवा कमिटीके अध्यक्ष सन्तोष साह लोकके आस्था आ विश्वासके आगा हमसभ फेल छी, कताबो आग्रह कएला पर एतुका लोक मानबाला नइ भेल । काइल्ह की होइए ओ कहल नइ जासकैए । हमसभ बलि प्रदान नइ करब ओ पहिने घोषणा कए चुकल छी, अइमे स्थानीय प्रहरी प्रशासनके केहन सहयोग रहैए ओहु पर कल्हुक बात निश्चित होएत बजलाह ।
अइतरहें राजदेवीमे आजुक हुजुम देखलास’ ईहो बात पकिया भेगेल काल्हिखन बलि प्रदान नइ होएत कहल गेल छै, तहिना आनेसाल जकाँ शनिदिन अष्ठमीके खस्सी-छागरके बलियो प्रदान होएबे करत । ओ काटछांट आइए देखागेल छै । माने जतबे कहल जारहल छै नइ–नइ ततबे होइत छै हँइ हँइ ! कारोना लागे चाहे जे भजाए आस्था आ विश्वासस’ लोक बन्हाएल छै । कोरोना महामारीस’ डेराएल नइ छै । ओहो बात फरिछा रहल छै । शब्द/चित्र-उपेन्द्रभगत नागवंशी
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