गेरुके मेला जकाँ दशैं मेला नइ लागत, खस्सी-बोकरा चढ़ौना चढ़त

२०७७ आश्विन २४, शनिबार ०१:३२
सीमाञ्चल समदिया

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सीमाञ्चल समदिया,
जनकपुरधाम । कतबो किछु कएल जाय अइबेरुका दशैंमे सेहो खस्सी-बोकराके बलि प्रदान करब काज बुझाइए होएबे करत  ! कोरोना महामारीके कारण सावधानी अपनाओल जाए, भीड़भाड़ नइ कएल जाए ओ आदेश प्रशासन दैत आएल छै । स्थानीय सरकार, प्रहरी सेहो पुरापुरी पालन कराबमे असमर्थ भजाइत छै । जनताकेँ भावनाके आगा ! अइबातके उदाहरण मलेमासी गेरुका मेलाके देखलास’ सहजे भेटैत छै ।

महोत्तरी जिलाके लोहारपट्टी नगरपालिका अन्तर्गत खुट्टापिपराढ़ी स्थित त्रिमोहान पर मलेमासी गेरुका मेला लगैत आएल छै । प्रतेक साढ़ेदिन वर्ष पर एकबेर मलेमास लगैत छै, मलेमास परला पर मलेमासी मेला लगैत छै । ओइ अवसर पर मलेमास नहाएब लेल मानव हेंजके हेंज जुमैत छै । जाहिमे अइपार ओइ पार (भारत)के श्रद्धालु अधिक सामेल रहैत छै ।

गेरुका मेलाके दृश्य- भीड़,चित्रश्रोत-गेरुका ब्लग

अइबेर महोत्तरी प्रशासन एवं स्थानीय सरकार सेहो कोविड-१९के देखैत गेरुकाधाम पर मलेमासी मेला नइ लागत पहिनहीस’ प्रतिबन्ध कएने छल । मुदा श्रद्धालुसभकेँ आगा प्रतिबन्धके सभ बन्हन टुइट गेल । एहन तर्क लोहारपट्टी नगरपालिकाके मेयर शैलेन्द्रकुमार यादव दैत छैथ । मुदा आरोप इहो छै उपरस’ मेला बन्द आ भितरे भितर सञ्चालन हेतु अपन दूतमादे स्वयं प्रचारित प्रसारित कराक धन उगाहीके काज करबौने छैथ । मेलामे दोकान्दारसभस’ बट्टी लेब, साइकिल मोटरसाइकिल स्टेण्ड लगाएब ओकरास’ रकम असुलब आदि काज । इओहिना भरहल छै ; जेना मेला नगरपालिकाके निर्णय अनुसार लागल होए । मुदा नपा प्रमुखके कहनाम अनुसार मेला बलजप्ती लाइग रहल छै ।    ’’

अइ सम्बन्धमे बुझला पर मेयर यादव ‘‘ हमरोसभकेँ एहन जानकारी आएल त’ खोज तलाश करैत मेलाके नाम पर बट्टी असुली करबाला तिनगोटेकेँ पकैरक प्रहरीके जिम्मामे लगौने छी । आब ओना नइ भरहल छै । जौं होइत छै त तिनका पर कार्यवाही कराबस’ हम पाछु नइ रहब ’’ भरोस दियौलाह ।

                        लोहारपट्टी नगरपालिका मेयर शैलेन्द्रकुमार यादव,                श्रीमाहावीर युवा कमिटीके अध्यक्ष सन्तोष साह

‘‘ गेरुका पर मलेमास मेला लगाबके सम्बन्धमे हमसभ निषेधित पहिनहीस’ कएने छी । तिन तिनबेर मन्दिरमे तालाबन्दी कएल गेल । मुदा श्रद्धालुसभकेँ भीड़-हुजुमके आगा बिवस भगेल छी । आब श्रद्धालु पर लाठी,पैना, बाँस भरहट्ठा, डन्टा बरसाबै ओ नीक काज नइ होतै । तथापि जिलास्तरीय शान्ति सुरक्षा समतिमे ई बात राखल गेल छै । महोत्तरीके सिडियो साहेबके अध्यक्षतामे बैसार भेल ; बैसारस’ मेला रोकब लेल एकसय प्रहरी खटाओल गेल छै । मुदा हजारके हजार लोककेँ भिड़मे मात्र एकसय प्रहरी कि करतै ! ’’ से रोदना घेओना उन्टे मेयर यादव सीमाञ्चल समदिया समक्ष पसारलाह ।

गेरुका मेला जकाँ दशैमे जनकपुरधाम राममन्दिर स्थित राजदेवी मन्दिरमे सेहो बलि प्रदानक खेरहा होएत । अखनुस’ नइ नइ कहैत भीड़भाड़ नइ कएल जाएत तेहन व्यवस्थापनक बात कहल जारहल छै । मुदा अष्ठमी दिन बलिप्रदान ओहिना हरोर मचाक होएत जेना गेरुका मेला नइ लागत कहैत लाइग रहल छै ।

ओना राजदेवी मन्दिरके सजाबटस’ ल’क’ व्यवस्थापन समेतमे प्रमुख भूमिका निर्वाह करैत आएल श्रीमाहावीर युवा कमिटीके अध्यक्ष सन्तोष साह ‘‘ कोनो तरहके सजाबट कमिटी नइ करत । रावणबद्धके कार्यक्रम अइबेर नइ होएत ’’ ओ खुलस्त कएलाह । एकर तातपर्य भेल सजाबट नइ होएत, देखाबा नइ होएत, रावणबद्धके काज नइ होएत । आओर काज होतै ! बोकरा-खस्सी-छागर चढ़तै !

गेरुका मेलाके दृश्य- भीड़, चित्रश्रोत-गेरुका ब्लग

दशैंमे मेला आ भीड़भाड़ नइ लगाओल जाएके बात छै तखन ठामठाम माइटक मूर्ति बनाबके आ पण्डाल सजाबट करब, रकम खर्च करब कोन दरकार ! मूर्ति बनतै,पण्डाल लगतै सजाबट होतै त’ मेला लगतै,लोकके भीडभार होतै ओ बात प्रष्ट छै । अइमे प्रशासनीक घोर लापरवाही सेहो छै । स्थानीय आयोजक कल्व कमिटीके अधिकारी समाजिक सञ्जालके जञ्जालमे ओझराएल छै ।

धर्म आस्था आ आडम्बरके आगा समाजके कहब अनुकूल समाजिक संघ-संस्थाके प्रतिनिधिके चलब बाध्यता रहैत छै । अइ बाध्यतास’ कोरना महामारीके संक्रमणस’ अवस्था आओर भयाबह हुअ सकैए । अइ सत्य दिश विचारब ओइप्रति सजगता अपनाएब तेकर अति आवश्यकता छै । जान रहत, प्राण बाँचत त’ पर्व त्योहार उत्सव महोत्सव होइत रहतै ।

अइ बातके गिरह पाइरक चलबमे कि हर्ज छै ? एकवर्ष भगवानके दर्शन पुजन नइ होतै , एकवर्ष खुशी नइ मनाएब कथी भजतै । हमसभ सनातनधर्मी ओतेक कट्टरवादी धर्म भीरु त’ नइ छी , जे ध्वजा गाड़बे करी, पताका लहरएबे करी,घुरघुरा बजैबे करी ! चाहे प्राण चैल जाए ।

आवरणचित्र-विजय दत्त मणिव्दारा निर्मित मूर्तिकलाके चित्र ।

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