सीमाञ्चल समदिया,
जनकपुरधाम । समाजमे सामाजिक व्यमनस्यता एनाक बैढ रहल छै जे लोक दुश्मनी साधब लेल पीडि़तके आओर पीड़ा देब लेल अन्न पानि खायब पीयब पर बाधित कदैत छै । अखनु किछु एहने पीड़ास’ पीडि़त बनल कुँहैर रहल छैथ धनुषा ललियाके एकटा दलित परिवार ।
मिथिला बिहारी नगरपालिका वार्ड नं.५ ललिया गाम निवासी केवल मुखिया बटैया खेत क’ क’ धान उब्जौने छल । अगहनी महिनामे धनकटनी कएलक , खेतेमे धानकेँ बोझा बोइझ-चौकके राइख देलक , थ्रेसर मसिनबालाके दौनी लेल बाट जोहैत छल । ओहि बाटजोहिमे राइतमे केओ दुश्मनीस’ चौकक धयल बोझामे आइग लगा देलक ।
भिन्सर डोलडाल करब हेतु आने दिन जकाँ खेतदिश गेला पर सभ धान जैरक छाउर भेल कृषक मुखिया पौलक । कनैत छात्तीमे मुक्का मारैत बेचारा मुखिया अचेत भगेल । आब साल भर कोना की खायब ओ समस्या हुनका लग खाड़ भेल छै । मिथिला बिहारी नगरपालिकामे राहत सहयोग मांग लेल पुंगला पर सीमाञ्चल समदियाके खेरहा सुनौलक ।
‘‘ कखनि, के आइग लगौलक हम देखलीऐ नइ ! चौरीमे हम रही नइ ! भोरे दिशा करब लेलगेला पर सबटा धानके बोझा राख-छाउरमे परिणत भेल छल । कनि-कनि धूवाँ उइठे रहल छल । बुझाइए अधरतियामे केओ आइग लगौने होएत ! अपन खेत आ बटैया दूनु मीलाक सबा बिघा खेतके धान छल । पच्चिस हजार टाका कर्जा ल’क’ मल-खाइध छिटने छलीए ; धान बेचक सधबैति आब माथा पर ओहो कर्जा चैढ़ गेल । …हे दैब ! हम केकरा की कएने छलीऐ जे एना लिलोह कदेलक… । ’’ ६५ वर्षिय बृद्ध दलित कृषक मुखिया कनैत अपन बात कहलक ।
अइबेर धानसभमे रोग लाइग गेल छल बहुत थोर लोककेँ नीक मणि दिअ जोकर धनखेती भेल छै । आनसभके अपेक्षा पीडि़त मुखियाके धान निरोग छल । तहुस’ लोककेँ आँइख गैड़गेलै की ! बटैयामे एतेक उब्जा लेलक सेहो लोककेँ लागल होतै । एहनो आशंका ओ सीमाञ्चल समदिया समक्ष व्यक्त कएलाह । घटना सम्बन्धमे मिथिला बिहारी नपाके वार्ड नं.५के अध्यक्ष बिनोद मण्डलके कहलगेल छल, ओहो मेयर साहेबके कहोग कहला पर नपा कार्यालयमे पीडि़त मुखिया आएल छल ।
घटना एहे अगहन बितल-१५गते सोम राइतके छै । अइतरहे वर्तमानो समयमे समाजमे दब्बल अब्बलके लोक आओर दबाक राख चाहैत छै । आर्थिक रुपस’ सबल नइ हुअ दिअलेल किछु सामाजिक तत्व एहनो कुकृत्य करैत पीडि़त बनाबके खेल करैत छै । शान्ति सुरक्षाके जिम्मेवारी बहनकर्ता प्रहरी प्रशानिक निकायकेँ अइप्रति बेसी जवाबदेहीता बैढ़ रहल छै । ततहि समाजके जागरुकवर्ग अपन गाम ठाममे एहन घटना नइ हुअ दिअलेल आवश्यक पहलसभ करै तकर दरकार छै ।
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