एकटा सुच्चा लोकतन्त्रवादी,निष्ठवान पत्रकार नइ रहलाह

२०७८ जेष्ठ ५, बुधबार १२:५९
सीमाञ्चल समदिया

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सीमाञ्चल समदिया,
उपेन्द्रभगत नागवंशी,जनकपुरधाम । मिथिला नगरी जनकपुरधामके कर्मक्षेत्र बनाक पत्रकारिता करैत आएल अग्रज पत्रकार दिलिप घिमिरे आब अइ संसारमे नइ रहलाह । नेपालके राजधानी काठमाण्डौंमे आइ बुध दिन भिन्सरमे ६ बजे ‘हार्टएटेक’ स’ हुनक निधन भेल जनतब पत्रकार अनिल घिमिरे देलाह ।

पञ्चायतक बोलबालाबला समय, पञ्चेसभ हिनका पर नजरि गड़ौने रहैत छल । कखनोकाल प्रहरी प्रशासनकेँ उक्सा देत छल । बस प्रहरी-प्रशासनीक लोक हिनका ओदवाद कदैत छल । एकबेर ओदवाद मात्रे नइ कएलक तेहन बेरहमीस’ मारल आ बामहात उनाइरक पहुँचा काटि देलक जकर चेन्हासी अन्तिम अवस्थाधैर मेटाएल नइ छलै ।

अपन जुवानीके समयमे विद्यार्थी आन्दोलनमे लागल प्रजातन्त्र पक्षधर दिलिप घिमिरेकेँ प्रशासनिक दखल अन्दाजीकेँ बिरोध कएला पर बिरोधमे उतरला पर प्रहरी गत्तर कटानि मारि मारने छल । ओ पीड़ा सालो सहैत रहलाह । एकवर्ष मात्र वियाह कएला समय बितल छल । ओहिबीच नेपालमे २०३६ सालमे ब्यवस्था परिवर्तन हेतु बहुदल-निर्दलके जोरगर आन्दोलनके बिर्रो उठल आ चुनावी महौल तयार भगेल ।

दिलिप डेमोक्रसी लेल अपना स्तरस’ लड़ैत रहलाह । तकरे कारण छल पञ्चभक्त सभ हुनका टिकौने रहैत छलै । समयक धारकेँ देखैत अपन भावनाकेँ समेत उजागर करब आ जनसमान्यकेँ सचेत कराएब ओइ अभिप्रायस’ ओ पत्रकारिताक सहारा लेलाह । २०४३ सालमे काठमाण्डौस’ प्रकाशित ‘‘समिक्षा’’ एवं ‘‘मातृभूमि’’ नामक साप्ताहिक पत्रिकामे एक्कहिसंग लेखनी आरम्भ कएलाह ।

पञ्चायत बिरोधी समाचार, टीप्पनी आदिलीखब काजस’ पत्रकारिता आरम्भ कएलाह । तखन व्यवस्थाक पक्षधरसभ आओर हिनका बिरोधमे उतैरगेल । अग्रज पत्रकार दिलिप घिमिरे लोकतन्त्रवादी छवि पहिलुके लेखनीस’ प्रष्ट भगेल । अग्रज पत्रकार दिलिप अपन प्रकाशन सम्पादनमे ‘‘हिमज्योति’’ नेपाली भाषाक साप्ताहिक पत्रिका आरम्भ कएलाह ।

हिनक त्याग आ पत्रकारिता प्रतिक अटुट सम्बन्धके कारण २०७१ सालमे नेपाल पत्रकार महासंघ धनुषा हिनका विशेष रुपस’ सम्मानित कएलक । २०४४ सालमे धनुषा जिला तारापट्टी हत्याकाण्ड सम्बन्धि घटनाक उजागर कएला पर अइ प्रकरणमे हिनका फंसाबक प्रयास सेहो भेल छल मुदा दूधके दूध आ पानिके पानि करब काज अपन लेखनी मादे कएला पर राज्यस्तरस’ छानविन कएलगेल ।

तहिया पत्रकार आ पत्रिकामे आएल सामग्रीक तेहन महत्वाक संग लेल जाइत छल । तारापट्टीमे धनकुटिया मसिनस’ लप्पी लिअ दिअ विषयमे भेल बिवादमे पञ्चेप्रबृतिक लोक हत्या काण्डस’ जोडि़क ‘डेमोक्रेट’ नेता महावीर सिंहकेँ फंसाब लेल षडयन्त्र रचने छल । ताहिके पोल खोलल गेल । सत्यतथ्य लोकबीच उजागर भगेल । षडयन्त्रकारी मूँहेभरे खसल ।

अपन पत्रिकामे षडयन्त्रक भण्डाफोर करैत जे लेखनी कएलाह ओइस’ चारुभरि सन्नसन्नी तहिया मैचगेल छल । अन्ततः सरकारकेँ शाही आयोग गठन करए पड़ल आ दोषी स्वयं पञ्चे रहल खुलस्त भेल । डेमोक्रेट नेता सिंह समेत किछु लोक नहाकमे फंसबस’ बाँचल । ईसभ हिनक खोजमूलक आ निर्भिकता पूर्वक कलम चलाओल तकर परिनाम छल ।

समाज पत्रकार दिलिप घिमिरे सहित हुनक सम्पादनमे बहराइत ‘हिमज्योति’ पत्रिकाकेँ बेस प्रशंसा करए लागल ।धनुषा जिला मुख्यालय जनकपुरशहरकेँ केन्द्र बिन्दू बनाक पञ्चायतकालस’ अखनुका लोकतान्त्रिक कालधरिक अवस्थामे स्वच्छ, निश्पक्ष पत्रकारिता करैत आएल अग्रज पत्रकार दिलिपकेँ पत्रकारिताक कारणस’ जनकपुरस पराए पड़ल छथि ।

नेपाली पत्रकारिता मादे जनकपुरक्षेत्रक पत्रकारिताकेँ सिंचितकर्ता दिलिप २०६३/०६४ मे भेल मधेश आन्दोलनमे बड पीड़ा भेटलैन्ह । पीड़ा एहन ओहन नइ सदैब खटकैत रहल तेहन ! जाहिस’ अपन जन्मभूमि कर्मभूमि संगी-मीतवासभ छोडि़क जाय पर बाध्य भेलाह ।

आन्दोलनमे किछु तत्वद्वारा देल पीड़ाकेँ कारण जनकपुरधाम छोडि़क राजधानी काठमाण्डौ ओगरए पड़लै । जतह हुनको कहल जाय त’ एकतरहें स्वीकार नइ कएल गेलैन्ह । अपन एकमात्र पुत्र पावेलकेँ जीवन लीला सेहो ओतह किछु तत्वद्वारा समाप्त कए देलगेल । साठी बरिसके अवस्थामे एकटा पिताके बूढावपाके सहारके अन्त कदेब अइस’ पैघ दुःख आओर कि हुनका लेल भसकैत छल ।

दू पुत्री रीमा आ रिंकु एवं श्रीमति प्रतिमासंग राजधानी काठमाण्डौ नैकापक्षेत्रमे पत्रकार दिलिप रह’ लगलाह । २०७२ साल पुष-६गते पुत्र पावेल घिमिरे मरल फेकल अवस्थामे भेटल छलै । पड़ाहे समुदाय आ नेपालीभाषी होइते तराईवासी भेने हिनको कन्हा नजरस’ देखल जाइत रहल । एहन शारीरिक मानसिक व्यथा जनकपुर छोड़ने हुनका भोग’ पड़ल छलै ।

तराईक्षेत्रक महोत्तरी जिलाके तत्कालीन हत्तिसर्वा गाम विकास समिति वार्ड नं.१मे,पिता छविन्द्रप्रसाद घिमिरे एवं माता चन्द्रशोभा घिमिरेके सन्तानकेँ रुपमे २०१४ साल आषाढ़ ५गतेक’ अग्रज पत्रकार दिलिपकेँ जन्म भेलछलैन्ह । जन्मधर्ती हत्तिसर्वामे लक्ष्मी प्रसाद निमाविमे प्राथमिक कक्षास’आठधैर अध्ययन कएने छलाह । तकराबाद परोसी गाम औरहीमे श्रीप्रसाद माविमे नओ आ दशकक्षा पढ़लाह । २०३१सालमे एसएलसी पास कएलाह । तकराबाद मिथिला नगरि जनकपुरधाम आविक रा.रा.ब कैम्पसस’ २०३३ सालमे आइए पास कएलाह ।
कैम्पसमे अध्ययनरत् रहैत कालमे दिवंगत दिलिपकेँ पत्रकारिता प्रतिकेँ लगाब बैढ़ गेलैन्ह । बिद्यार्थी राजनीतिक, जनपक्षिय आन्दोलन करैत पत्रकारिता बले परिवर्तन लाब लेल प्रतिबद्ध भेलाह ।

पत्रकारिता मादे समाजिक परिवर्तन हेतु जे काज दिलिपजी कएलाह ओ उदाहरनीय अछि । जकर प्रतिफल लोकतन्त्रवादीयो सरकार हुनका दिअ नइ सकल । नइ पत्रकारिताक्षेत्रके कोनो संघ संगठने ! तथापि कोनो मलाल हुनका नइ छलैन्ह । बातचितमे कतेक बेर हुनक ओ मनसाय हम बुझल ।

 दिलिप घिमिरे

‘‘ जे उद्देश्यस’ कलम चलाओल ओइस’ लोकबीच नाम भेल, पहिचान बनल, लोक जश देलक आ दैय अहिस’ सन्तोष कएने छी ’’ ओ कहैत रहैत छलाह । ओना २०४६ सालके राजनीतिक परिवर्तन आन्दोलनमे सकृयतासंग सामेल भ’क’ घाहिल भेला पर रज्यद्वारा आने आन्दोलनकारी जकाँ सहयोग स्वरुप दू हजार टाका हिनको भेटल छलैन्ह ।

०४६ साल पछाइत कृष्णप्रसाद भट्टराई नेतृत्वक अन्तिरिम सरकारके बेरमे देशभरिक १७ टा पत्रकारकेँ उक्त रकम सहित कएलगेल विशेष सम्मानमे अग्रज पत्रकार दिलिप घिमिरे सेहो प्राथमिकतामे पड़ल छलाह ।

पत्रकारितामे दीर्घसेवा हेतु नेपाल पत्रकार महासंघ धनुषा शाखाद्वारा जेष्ठ पत्रकारके रुपमे अग्रज पत्रकार दिलिपकेँ दू बेर सम्मान कएने छल । २०६५ आ २०७० एवं २०७२मे सेहो हिनका महासंघद्वारा सम्मान कएलगेल छल ।

जनहित लेल अग्रज पत्रकार दिलिप घिमिरेकेँ पत्रकारिता यात्रा सत्य आ निष्ठापूर्वक सुरु भेल ; ओ आब सदाके लेल बिराम लाइग गेल छै । पत्रकारिताक माध्यमस’ जनकपुरक्षेत्रक गौरव बढ़ाबमे पत्रकार हिनक योगदानके मोल जनकपुरीया नइ चुकाब सकत । हिनक कार्य व्यवहारप्रति माथ निहुँराबैत हार्दिक श्रद्धाञ्जलि !

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