सीमाञ्चल समदिया,
जनकपुरधाम । देशके राष्ट्रिय बिभूति लोकतान्त्रिक पद्धतिकेँ आरम्भकर्ता देव मिथिला-मैथिलके पुर्खा राजर्षि जनककेँ प्रतिमा आनावरण कएलगेल छै । मिथिलाकेँ ह्दयस्थली जनकपुरधाममे जे काज नइ हुअ सकल ओ एतहस’ बाहर भेल छै ।
प्रदेश दूके नाम अपन अस्तित्वस’ जुड़ल पहिचानसंग राखबमे दलसभ पछुवागेल प्रदेशके नाम मधेश राखल गेल । मुदा जनकपुरधाम राजधानीमे तिनतहकेँ सरकार देशमे होइतो जे काज अइ प्रदेशमे नइ हुअ सकल ओ परोसी प्रदेशमे भेल छै ।
जाहि प्रदेशके पहिचान एवं अस्तिवमे जनक जानकी रसल बसल छै ओ मिथिलाक्षेत्रके मान पहिचान जनकसन विभूति होइछ ओहि भूमि पर जनककेँ प्रतिमा नइ बैन सकल छै ।
प्रदेश नं.१मे इलाम नगर पालिका दूरदर्शिता अपनाबैत राष्ट्रिय विभूति, राष्ट्रिय अखण्डताके प्रतिक राजर्षि जनककेँ प्रतिमा निर्माण-स्थापना करबमे सफल भेल छै । नवनिर्मित प्रतिमाके आनावरण बुधदिन एकटा समारोहबीच कएलगेल ।
इलाम नपाके वार्ड नं.७,८९,के संगमस्थल पर राजर्षि जनकके शालिक (प्रतिमा) स्थापना मात्रे नइ कएलगेल छै । करीब ४फिट खड़गर अर्धकट पीतलकेँ आकर्षक शालिक प्रतिमा उद्घाटनसंगे चौकके नाम समेत राजाजनक चौक नामाकरण कएलगेल छै ।
इलाम नपाके मेयर महेश बस्नेत एवं उपमेयर सुशिला नेम्बाङ्ग संयुक्तरुपमे शालिक अनारण कएलाह । रामकुमार कर्णस’ जनतब भेटल । मधेश प्रदेशमे जनककेँ नाम पर प्रदेसोधैर नइ राख सकल । नइ ओहन गुण लगब सकल ।
अपन पुर्खाके पहिचान मान राखब लेल प्रदेशके राजनीतिक नेतृत्वकर्ता दल एवं ओकर नेता तेहन इतिहासिक काज कर सकल । ओतहि प्रदेश १के इलाममे जनकके प्रतिमा स्थापना क’क’ ओहिक्षेत्रके नाम सेहो जनक राखब काज कए नव इतिहास कोरब काज कएलक । अइस’ हमरासभकेँ सीख लेबक चाही ।
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