– उपेन्द्रभगत नागवंशी
जनकपुरधाम । ‘कोकरा’ हमरासबहक देश समाजमे सेहो जलगरक्षेत्रमे पर्याप्त भेटैत छै । बरखा-बुन्नीमे चौरी-चांचरमे धानखेत, आइर धूर पर कोकरा भेटैत रहैत छै । कोकाराकेँ राइन्हक माउस बनाक खायल जाइत छै । कोकरामे माउस बड थोर मात्रामे होइछै कड़ा कुर्रकुर बेसी होइत छै । कोकरा बहुतो गोटेकेँ अलिनो लाइग सकैए । मुदा होइत छै बहुत स्वस्थगर ! निरोगर !!
‘कोकरा’ मकरा जकाँ जलीय जलजीव होइत छै । मकरास’ हजारों गुणा बड़का आ फरक रङ्गकेँ । अइकेँ एकप्रकारकेँ जलकिड़ा कहल जासकैए । ‘कोकरा’ देखमे लाल करेजीया रङ्गके होइत छै । दूनुकात बड़का-बड़का चुट्टाबाला टाङ्गूर होइत छै । जे टाङ्गूर अपन बचाव आ आहार लेल कोकरा उपयोग करैत छै । तेकरबाद पाँच-पाँचटा आओर टाङ्गूर दूनु कात रहैत छै जे चलब काजमे कोकराकेँ सहयोग करैत छै । कोकरा पानि-माटिमे रहैत छै आ ओहिमे अपन आहार खोजैत खाइत छै । जलमे रहल छोटस’ छोट आ बड़कास’ बड़का जीवकेँ, संगेसंग घास, कदइ समेत ओ नहुँए-नहुँए खाजाइत छै ।
अइहिसाबे कहल जाय त’ कोकरा मांसाहार आ साकाहार दूनु तरहक भक्षन करएबाला जलजीव होइए । नीकस’ रन्हला पर खायमे बड सबदगर होइत छै । पौषटीकतास’ भरपुर सेहो ! कोकाराकेँ माउस बहुत गोटे पसिन नइ करैत छै, मुदा कोकारा भिटामिन सभस’ भरल होइत छै । मानव देह लेल आवश्यक परएबाला प्रायः सभतत्व अइमे विद्यमान रहैत छै । दलित गरीबक माउस आ निरोगीकायाकेँ उपचारक आधार सेहो कोकराकेँ अहि दुवारे मानल जाइत छै ।
मानवदेह लेल लाभकारी ‘कोकरा’
चालिस वर्षके आयु पार करिते मानव शरीर जर्जरता दिस प्रवेस करैत छै । ओहि समयमे हड्डी रोगके समस्या प्रायःके आबैत छै जाहि समस्याकेँ दूर कोकरा करैत छै । ‘कोकरा’ हड्डी मजगूत करैत छै । कैल्सियमके प्रचुरता अधिक एवं बिटामीन डी सेहो रहने दांत एवं हड्डीकेँ समस्यामे लाभकारी होइत छै ।
अइमे काँपर सेलेनियम ओमेगा थ्री फटी एसिड होइत छै । ई तिनुकेँ मीलानस’ नर्भस सिस्टम दूर होइत छै । ‘कोकरा’मे एहनो गुण विद्यमान रहैत छै । एहन लाभकारी जलजीव होइत छै कोकरा जाहिमे कोलस्टोलकेँ नियन्त्रण करबमे सहायक होइत छै । हृद्यरोग हुअस’ बाँचबैत छै । कैंसर जेहन घातक रोगस’ बाचकेँ शक्ति प्रदान करैत छै । देहके भितर कैंसरकेँ शेल पनप नइ दैत छै । शेल पनैप गेल तेकरा नियन्त्रण क’क’ रखैत छै । पाचन प्रणालीकेँ ठीक करैत छै । शरीर भितर खराब शेलकेँ बाहर करैत छै । कोकरा मानव मष्तिस्ककेँ खराबी कम करैत मष्तिस्कके सक्रिय रखैत छै । स्मरणशक्ति कमजोर भेलहाकेँ लेल आओर उपयोगी होइत छै । कोकरा ‘मेमोरी पावर इम्प्रूव’ करबमे चमत्कारी काज करैत छै ।
कोकरामे पायल जायबाला तत्व
एकसय ग्राम कोकरामे मिनरल-७९.६९,प्रोटिन-१७.८८ टोटल लिपिड (प्याट)-०.७४, ग्राम आ कैल्सीयम-९१ मीलिग्राम रहैत छै । एनर्जी-८३, म्याग्नेश्यिम-३६,फासफोरस पी.-२३४, पोटेशियम के.-२५९ सोडियम ना.-५६३, जिन्क-३.८१, आयरन-०.५, बिटामिन सी.-३.३ मीलिग्राम सामेल रहैत छै ।
तहिना बिटामिन-ई—१.८४ एमजी, एकर अतिरिक्त बिटामिन बी-१२—३.३३ यूजी ग्राम, बिटामिन-ए,बिटामिन-के. पायल जाइत छै ।
अर्थात कोकराके सेवनस’ मन, मस्तिष्क दुरुस्त रहैत छै । शरीरके भितरकेँ गन्दगी सभकेँ बहाइरक मलद्वारकेँ मादे निकाइल फैकैत छै । तैँ एकरा अलिन नइ मानल जाय चाही । शरीरिक शक्ति प्रदान कारक एवं रोगनिवारक महत्वपूणर् मांसाहार खाद्य छै ई बूझल जाए ।
कोकरामे एकटा हरियर रङ्गकेँ ‘कोकरा’ होइत छै, जेकर बहुतराश कैंसर जेहन गम्भिर रोगके निदान हेतु दबाइ बनाबके काजमे उपयोग कएल जाइत छै । हरियरका कोकरा दश-दश लाख टाकामे कीन बेसाह होइत छै । तेहनो बात खोज प्रड़ताल कएला पर उल्लेख भेटैत छै ।
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